(www.arya-tv.com) तमिलनाडु सरकार के मंत्री पोनमुडी (Ponmudy) और उनकी पत्नी को आय से अधिक संपत्ति के केस में सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. सीजेआई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने से साफ इनकार कर दिया. आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने पोनमुडी के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेकर ट्रायल शुरू करने का आदेश दिया था. इस आदेश के खिलाफ स्टालिन सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री पोनमुडी उच्चतम न्यायालय गए थे.
भगवान का शुक्र है कि हमारे पास…
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने हाईकोर्ट के फैसले की तारीफ की और इसमें दखल से साफ इनकार कर दिया. CJI ने कहा, ”भगवान का शुक्र है कि हमारे पास हाईकोर्ट में जस्टिस आनंद वेंकटेश जैसे जज हैं…’
क्या है पूरा मामला?
मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस आनंद वेंकटेश ने अगस्त में तमिलनाडु सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री के खिलाफ मामले का स्वत: संज्ञान लिया था और कहा था कि वेल्लुपुरम जिला जज से वेल्लोर के जिला जज के पास उनके मामले का ट्रांसफर अवैध था.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने मामले को इस तरीके से एक जिला जज से दूसरे जिला जज को ट्रांसफर करने पर भी चिंता जाहिर की. सीजेआई ने कहा कि ट्रायल को एक जिले से दूसरे जिले में ट्रांसफर कर दिया गया. आखिर यह शक्ति कहां है? पहले ट्रायल ट्रांसफर किया गया और फिर जल्दबाजी में बरी कर दिया गया.
CJI ने नहीं सुनी प्रशांत भूषण की बात
सुनवाई के दौरान एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने अमीकस क्यूरी नियुक्त करने की मांग की. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट इस मुद्दे पर उचित फैसला ले सकता है.