(www.arya-tv.com) अमेरिका इन दिनों मध्य पूर्व में दो तरफा चुनौती का सामना कर रहा है. एक तरफ वह इजरायल के साथ है जो हमास के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है तो दूसरी तरफ वैश्विक नेता होने के नाते उसे गाजा में फिलिस्तीनी लोगों के लिए मानवीय मदद और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए भी कोशिशें करनी हैं. इस माहौल के बीच में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ऐलान किया है कि उनकी सरकार इस्लामोफोबिया और उससे संबंधित नफरत के स्वरूपों से निपटने के लिए एक राष्ट्रीय नीति बनाएगा. इस नीति के जरिए अमेरिका में नफरत के कारण होने वाले अपराधों में कमी करने का प्रयास किया जाएगा जिसमें भारत के सिख समुदाय के लोगों को मुस्लिम समझ कर उन पर किए जाने वाले हमलों को भी रोका जा सकेगा.
घृणा से निपटने के लिए नीति
बाइडन ने एक्स पर कहा कि उनका प्रशासन मुस्लिमों, और अरब, सिख आदि को गलत तरह से मुस्लिम समझ कर उनके खिलाफ हिंसा के साथ खड़ा नहीं रह सकता है. इसीलिए वे इस्लामोफोबिया और उससे संबंधित नफरत के स्वरूपों से निपटने के लिए राष्ट्रीय रणनीति बना रहे हैं. चुप रहना भी अपराध में भागीदारी है और वे चुप नहीं बैठेंगे.
सभी को साथ लेकर बनेगी नीति
व्हाइट हाउस का कहना है कि इस लिए कानून निर्माताओं, एडवोकेसी समूह और अन्य समुदायों के नेताओं की प्रशासन के साथ लाया जाएगा जिससे इस्लामोफोबिया और घृणा के हर स्वरूप से कारगर तरह निपटने में मदद मिल सके. बहुत लंबे समय से अमेरिका में मुस्लिम और अरब एवं सिख जैसे लोग जिन्हें मुस्लिम समझ लिया जाता है, घृणा और भेदभाव का शिकार हुए हैं.
हाल ही में देखने को मिला ऐसा
व्हाइट हाउस ने अपने बयान में ऐसी घटना की मिसाल भी दी. इसमें उन्होंने हाल ही में 6 साल के फिलिस्तीनी अमेरिकी मुस्लिम बच्चे, जिसका नाम वादेहा अल फायूमे है, की निर्दयी हत्या का जिक्र किया. इस हमले में शिकागो में उसके घर के बाहर उसकी मां पर हमला भी किया गया था. अमेरिका में इस तरह की घटनाओं के बढ़ने की आशंका तब बढ़ गई है जब अमेरिका हमास के खिलाफ इजरायल का साथ दे रहा है.
हर अमेरिकी की सुरक्षा
इस मामले में व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिकी उपराष्ट्रति कमाल हैरिस सहित पूरा बाइडन प्रशासन यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा कि हर अमरिकी को उनके जीवन की सुरक्षा मिल सके और वे बिना किसी डर के अपनी प्रार्थना का तरीके, अपने विश्वास और अपनी पहचान के साथ बेखौफ जीवन जी सकें.