(www.arya-tv.com) अभी तक आपने देखा होगा कि लोग नए मकान या वाहन खरीदते समय वसीयत करते हुए संकल्प पत्र भरते हैं. लेकिन मेरठ में एक अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है. जहां अब लोग दूसरों के जीवन को बचाने की देहदान में लगे हुए हैं. जी हां सोच कर थोड़ा अटपटा लगेगा लेकिन मेरठ में बुजुर्ग दंपति द्वारा इसी तरीके से कार्य किया जा रहा है. जहां सर्वप्रथम उन्होंने खुद अपने देहदान संकल्प लिया है. वहीं अब अन्य लोगों को भी अपने साथ जोड़ रहे हैं.
समाजसेवी ब्रह्मदत्त शर्मा ने बताया कि सबसे पहले उन्होंने अपनी पत्नी आशा शर्मा के साथ खुद देहदान के लिए एफिडेविट संकल्प पत्र मेरठ मेडिकल कॉलेज में जमा कराया था. वहीं अब अन्य लोगों को भी इस मुहिम से जोड़ने जा रहे हैं. वह कहते हैं कि लोगों का इसमें भरपूर सहयोग मिल रहा है. अब तक 12 लोग एफिडेविट के साथ संकल्प बढ़ चुके हैं. वही दो लोगों का देहदान भी हो चुका है.
प्रैक्टिस और लोगों के लिए उपयोगी है
मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर आरसी गुप्ता ने लोकल-18 से खास बातचीत करते हुए बताया की जो लोग मृत्यु के पश्चात मेडिकल कॉलेज को अपनी बॉडी सौंपते .ऐसे लोगों की बॉडी पर डॉक्टर प्रैक्टिस करते हैं. जिसके माध्यम से एक बेहतर एक्सपर्ट तैयार होते हैं. वहीं उन लोगों के जो अंग होते हैं उनको भी जिन लोगों को आवश्यकता होती है. उनका डॉक्टर उपयोग करते हुए उन्हें जीवन देते हैं. उन्होंने बताया कि एक आंखों को लेकर एक बीमारी होती है. उसमें ऐसे लोगों की आंखों की पुतली का उपयोग किया जाता है. इससे काफी बड़ी संख्या में लोगों की आंखों की रोशनी भी वापस आ रही है.
देहदान का लिया संकल्प
बताते चलें कि मेरठ में भारत विकास परिषद संस्था इस तरफ कार्य कर रही है. जिसमें लोग जीवित रहते हुए एफिडेविट और संकल्प भरते हैं कि उनकी मृत्यु के बाद उनकी बॉडी मेडिकल प्रशासन को सौंप दी जाए. जिससे कि उनके मृत्यु के बाद भी उनकी बॉडी का सदुपयोग हो सके.