(www.arya-tv.com) वाराणसी. शारदीय नवरात्र की शुरुआत 15 अक्टूबर से हो रही है. नवरात्रि के षष्ठी तिथि को पूजा पंडालों में मां विराजमान होती है और दुर्गापूजा उत्सव का आगाज होता है. मिनी बंगाल कहे जाने वाले काशी में भी दुर्गापूजा उत्सव की तैयारियां जोरों पर है. मूर्तिकार मूर्तियों को जहां अंतिम रूप देने में जुटें है तो वहीं पंडालों को सजाया जा रहा है. काशी में इस बार कोलकाता के कारीगर बंगाली थीम पर मां दुर्गा की प्रतिमा को तैयार कर रहें है.हालांकि बढ़ती महंगाई के कारण इस बार मूर्तिकार खासे परेशान है.
मूर्तिकार चितरंजन पाल ने बताया कि 5 पीढ़ियों से उनका परिवार मां दुर्गा की मूर्तियों को तैयार करता चला रहा है. हर साल अलग-अलग थीम और साइज में वो इन दुर्गा प्रतिमाओं को तैयार करतें हैं. पूरे साल वो इस काम में लगें रहतें है. इनके पास 8 फीट से लेकर 15 फिर तक प्रतिमाएं है. उनका पूरा परिवार इस काम को करता है.
पहले कोविड और अब महंगाई की मार
लेकिन पिछले तीन सालों में पहले कोविड और अब बढ़ती महंगाई ने इन कारीगरों को परेशान कर रखा है. प्रतिमा के ड्रेस और साज सज्जा से जुड़े समानों की बढ़ती कीमतों के बराबर मूर्तियों की कीमत नहीं बढ़ रही है. जिससे इस परम्परागत काम को करने वाले कारीगर प्रॉफिट कम होने से परेशान है.
वाराणसी में सजते है 500 पंडाल
बताते चलें कि वाराणसी में शहर से लेकर गांव तक 500 से अधिक पूजा पंडाल सजाए जातें है. इनमें करीब 250 से ज्यादा प्रतिमा और पंडाल शहर में लगते है. जिसके दीदार के लिए देश के अलग अलग हिस्सों से लोग यहां आते हैं.