भागो…भागो… म‍िसाइल ग‍िरी… इजरायल में कैसे एक मोबाइल ऐप ने बचाई भारतीयों की जान, जानें APP के बारे में सबकुछ

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(www.arya-tv.com)  इजरायल से छात्रों सहित करीब 200 भारतीयों का पहला जत्था एक चार्टेड विमान से शुक्रवार तड़के दिल्ली पहुंच गया. हमास आतंकवादियों द्वारा पिछले शनिवार को इजरायल पर हमलों के बाद क्षेत्र में तनाव फैल गया था, जिसके परिणामस्वरूप स्वदेश वापसी के इच्छुक लोगों को वापस लाने के लिए भारत ने ऑपरेशन अजय शुरू किया. केंद्रीय मंत्री राजी‍व चंद्रशेखर ने दिल्ली हवाई अड्डे पर यात्रियों का स्वागत किया. उन्होंने हाथ जोड़कर सभी का अभिवादन किया और उनमें से कुछ लोगों से हाथ मिलाते हुए कहा ‘वेलकम होम’. इस दौरान छात्रों ने अपने अनुभव न्‍यूज 18 इंड‍िया के साथ साझा क‍िए और बताया क‍ि कैसे म‍िसाइल हमलों के दौरान एक मोबाइल ऐप ने उनकी जान बचाई. बताया क‍ि हमले का अलर्ट म‍िलते ही वह अपने घरों से न‍िकलकर बंकरों में चले जाते थे. कौन सी है ये ऐप और कैसे करती है काम जानें इसके बारे में सबकुछ.

व‍िशेष ने बताया ऐप से कैसे म‍िली मदद
केंद्र सरकार द्वारा ऑपरेशन अजय के तहत इजरायल से विशेष चार्टेड विमान से आईजीआई एयरपोर्ट लौटे पंजाब मूल के रहने वाले व‍िशेष ने बताया क‍ि द‍िल्‍ली आकर काफी अच्‍छा लग रहा है और अब मैं जल्‍द से जल्‍द घर जाना चाहता हूं. उन्‍होंने बताया क‍ि इजरायल में हमलों के दौरान एक ऐप ने उनके जैसे कई भारतीयों की बहुत मदद की. उन्‍होंने बताया क‍ि जब भी सायरन बजता था तो ऐप पर लोकेशन आती थी क‍ि बम आपके घर से क‍ितनी दूरी पर ग‍िरा है. उन्‍होंने बताया क‍ि इजरायल में ज‍ितने भी रॉकेट ग‍िरते हैं ऐप से उनकी लोकेशन पता चल जाती है. व‍िशेष ने अपने देश वापस लौटने पर भारत सरकार का शुक्र‍िया अदा क‍िया. उन्‍होंने कहा क‍ि सुरक्ष‍ित तरीके से एयरपोर्ट पहुंचाया गया और वहां से व‍िशेष व‍िमान से वह भारत लौट आए. उन्‍होंने कहा क‍ि भारतीयों को वापस लानी की प्रक्र‍िया काफी सरल थी.

ये मेरे ल‍िए और मेरे पर‍िवार के ल‍िए इससे अच्‍छी और कोई बात नहीं होगी.

व‍िनिता ने बताई इजरायल के हालत की सच्‍चाई
व‍िशेष व‍िमान से भारत लौटी रांची की रहने वाली व‍िन‍िता ने बताया क‍ि इजरायल में मैं पीएचडी कर रही हूं. प‍िछले डेढ़ साल से वहां रह रही हूं और 4 साल वहां रहना है. मैं सेंट्रल इजरायल में रह रही थी और वहां भी बमबारी हो रही थी. जब भी म‍िसाइल ग‍िर रही थी तो हमें बचने के ल‍िए बार-बार बंकरों में जाना पड़ रहा था. फ‍िर धीरे-धीरे तनाव इतना बढ़ गया और यह स‍िर्फ म‍िसाइल की वजह से ही नहीं, वह और जो कुछ भी वहां हुआ वह भी एक बहुत बड़ी वजह है. व‍िन‍िता ने बताया क‍ि इजरायल में जो भी हो रहा था उससे फैम‍िली वाले काफी परेशान हो रहे थे. मुंबई-द‍िल्‍ली के छात्रों के पर‍िवारवालों के ल‍िए काफी आसान होता है, क्‍योंक‍ि उनको बाकी छात्रों के पर‍िवारवालों का साथ म‍िल जाता है लेक‍िन मेरे पर‍िवार के साथ यहां काफी मुश्‍क‍िल था, क्‍योंक‍ि मेरे घर से कभी कोई बाहर नहीं गया. उनके ल‍िए सबकुछ नया था. पहले तो इतनी दूर भेजना मुश्‍क‍िल था और फ‍िर ऐसा कुछ हो गया.

व‍िन‍िता ने कहा क‍ि इजरायल अंबेंसी बहुत अच्‍छी है. हमने जब भी फोन क‍िया मैसेज क‍िया हमें मदद म‍िली. ऑपरेशन अजय इतना अच्‍छा था क‍ि बड़े आराम से चेक‍िंग हुई और हम भारत आ गए. उन्‍होंने कहा क‍ि कॉलेज से एयरपोर्ट आने में थोड़ी द‍िक्‍कत हुई, क्‍योंक‍ि कब म‍िसाइल आ जाए आपको नहीं पता और तब आप बंकर कहां ढढूंगें. भारत सरकार की पहल की तारीफ करते हुए व‍िन‍िता ने कहा क‍ि बहुत आसानी से हम अपने घर वापस आ गए और घर आना क‍िसको अच्‍छा नहीं लगता.