(www.arya-tv.com) धर्मनगरी चित्रकूट में तीन दिवसीय पितृ विसर्जनी अमावस्या पर लगने वाले मेले को लेकर प्रशासन ने तैयारी तेज कर दी है. यह मेला चित्रकूट में 13 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक लगेगा. जिसमें लगभग 4 से 5 लाख श्रद्धालुओं की आने की संभावना प्रशासन द्वारा जताई गई है. दरअसल, धर्म नगरी चित्रकूट में वैसे तो हर अमावस्या पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है लेकिन पितृ विसर्जनी अमावस्या होने के चलते हजारों-लाखों की संख्या में लोग चित्रकूट पहुंचते हैं.
आपको बता दें कि पितृ विसर्जनी अमावस्या में लाखों की तादाद में श्रद्धालु धर्म नगरी चित्रकूट पहुंचते हैं. जहां अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्रद्धालु विधि विधान से पितृदन करते हैं. चित्रकूट में पितृ विसर्जनी अमावस्या का विशेष ही महत्व होता है. क्योंकि यँहा भगवान श्री राम ने अपने पिता के लिए मंदाकिनी नदी किनारे पित्रदान किया था. इसी मान्यता के चलते बड़े पैमाने में श्रद्धालु चित्रकूट पहुँच कर अपने पूर्वजों को पित्रदान करते है. इसीलिए पितृ विसर्जनी अमावस्या मेला को अच्छे से संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने पूरे मेला क्षेत्र को सेक्टर व जोनल में बाट दिया है जो प्रत्येक जोनल व सेक्टर में एक-एक मजिस्ट्रेटनामित कर दिएहैं जो अपने संपूर्ण मेला क्षेत्र में अपने निर्धारित स्थानों में पर तैनात रहेंगें.
कैसी रहेगी अमावस्या मेला की तैयारी
जिलाधिकारी चित्रकूट अभिषेक आनंद ने जानकारी देते हुए बताया कि पूरे मेले में 4 से 5 लाख श्रद्धालुओं की आने की आशंका जताई गई है. इसके लिए मेला क्षेत्र में साफ सफाई, गोवंशों पर रोक, और विद्युत व्यवस्था दुरुस्त सही करवाने के निर्देश दिए गए है.साथ ही परिक्रमा मार्ग पर आने वाले श्रद्धालुओ की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा लगवाए गए है और रामघाट,परिक्रमा मार्ग पर दुकानदारों का अतिक्रमण न होने पाए इसके लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है.
स्वास्थ्य विभाग की टीम और सीसीटीवी कैमरे लगेंगे
जिलाधिकारी ने बताया कि मेला लगने वाली जगह में मोबाइल शौचालय की व्यवस्था, चिकित्सा विभाग पूर्व की भांति एंबुलेंस एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम को लगाई जाएगी. साथ ही जल संस्थान से कहा कि टैंकर के माध्यम से पूरे मेला क्षेत्र में पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित कराएं. अधिशासी अभियंता सिंचाई को निर्देश दिए कि पूर्व की भांति मां मंदाकिनी गंगा रामघाट में घाट की समुचित सफाई, बैरिकेडिंग, गोताखोर, नाव आदि इंतजाम करें. मेला के दौरान भीड़ को देखते हुए समुचित पार्किंग व्यवस्था कराई जाए.