(www.arya-tv.com) पीलीभीत की उजमा प्यार की खातिर उर्मिला बन गई. उसने धर्म परिवर्तन कर अपने प्रेमी भागीरथ के साथ हिंदू रीति रिवाज के अनुसार शादी कर ली. बरेली में एक आचार्य ने दोनों का विवाह कराया. इससे पूर्व दोनों ने अपने बालिग होने का प्रमाण दिया . उत्तर प्रदेश के बरेली में पीलीभीत जनपद की रहने वाले दो प्रेमियो की अनोखी शादी हुई. दोनों का धर्म अलग अलग था, लिहाजा मजहब की दीवार रोड़ा बन रही थी. दोनों दो साल से एक दूसरे से प्रेम कर रहे थे. जिसके बाद मुस्लिम उजमा ने अपने प्रेमी को पाने के लिए हिंदू धर्म अपनाकर उर्मिला बन गई और फिर अपने प्रेमी भगीरथ के साथ हिंदू-रीति रिवाज से शादी के बंधन में बंध गई. बरेली के एक आश्रम में दोनों का विवाह संपन्न हुआ. हालांकि उजमा उर्फ़ उर्मिला ने अपने परिवार से जान का खतरा भी बताया है.
पीलीभीत की उजमा ने उर्मिला बनकर मंदिर में शादी की. उजमा उर्फ उर्मिला और भागीरथ एक ही गांव के रहने वाले हैं और पिछले दो सालों से प्रेम कर रहे थे. प्रेम की खातिर धर्मपरिवर्तन कर उर्मिला बनकर हिंदू रीति रिवाज से शादी की. उजमा उर्फ उर्मिला का प्रेम होने पर घरवालों ने बंदिशे लगा दी थी. जब वो बालिग हो गई तब शादी कर मांग में सिंदूर भरवाया. बरेली के आश्रम में दोनों ने बालिग होने के प्रमाणपत्र दिखाने के बाद पुजारी ने उजमा का गंगाजल, गौमूत्र से शुद्धिकरण कराया और फिर शादी कराई. उजमा ने धर्म परिवर्तन करने के बाद अपना नाम उर्मिला रख लिया।दोनों ने जीने-मरने की कसम खाई थी और प्यार की खातिर उजमा ने उर्मिला बनकर भागीरथ संग लिए सात फेरे लिए.
पीलीभीत की उजमा प्यार की खातिर उर्मिला बन गई. उसने धर्म परिवर्तन कर अपने प्रेमी भागीरथ के साथ हिंदू रीति रिवाज के अनुसार शादी कर ली. बरेली में एक आचार्य ने दोनों का विवाह कराया. इससे पूर्व दोनों ने अपने बालिग होने का प्रमाण दिया
उजमा उर्फ उर्मिला और भागीरथ दोनों एक ही गांव के निवासी हैं. दोनों के बीच बीते दो साल से प्रेम-प्रसंग चल रहा था. दोनों ने साथ-साथ जीने और मरने की कसमें खा लीं, लेकिन उनकी मोहब्बत में महजब की दीवार आड़े आ गई. उजमा के घरवालों को जब उसके प्रेम प्रसंग का पता लगा तो उन्होंने बंदिशें लगा दीं. बावजूद इसके उजमा अपने प्रेमी के साथ चोरी छिपे बात करती रही. उजमा ने प्रेमी से शादी करने के लिए घर छोड़ने का फैसला कर लिया। उधर, प्रेमी ने भी साथ देने का वादा किया.
रविवार को भागीरथ और उजमा दोनों बरेली के आश्रम में पहुंचे, जहां दोनों ने अपने बालिग होने के प्रमाणपत्र पत्र दिखाए. इसके बाद आचार्य ने उजमा का गंगाजल से शुद्धिकरण कराया. उजमा ने धर्म परिवर्तन करने के बाद अपना नाम उर्मिला कर लिया। आश्रम के आचार्य ने दोनों का विवाह कराया. भागीरथ से शादी करने के बाद उजमा ने कहा कि उसने अपनी मर्जी से शादी की है. इसमें किसी ने कोई दबाव नहीं बनाया है. उजमा से उर्मिला बनी युवती ने अपने घरवालों से जान का खतरा जताया है.