सड़कों के पैचवर्क में काम से पहले ही उठे सवाल:ठेकेदारों ने 38 फीसदी नीचे तक डाले टेंडर

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(www.arya-tv.com) शहर की 37 सड़कों के गड्ढे जल्द खत्म होंगे। लगभग तीन करोड़ रुपए से शहर की इन खुदी सड़कों में पैचवर्क का कार्य होगा। नगर निगम ने इस सड़कों को बनाने के लिए टेंडर आमंत्रित किए थे। जो बुधवार और गुरुवार को खुल गए। हालांकि, कई ठेकेदारों ने इस बार तय रेट से 38 फीसदी नीचे तक टेंडर डाले हैं। ऐसे में सड़कों के पैचवर्क की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं। कई वार्डों के पार्षदों ने टेंडर बिलो डालने पर आपत्ति की है।

37 सड़कों के भरे जाएंगे गड्‌ढे
पॉश इलाके सिविल लाइंस स्थित चर्च रोड से हडर्ड चौराहा तक जाने वाली सड़क पर कई गड्ढे हैं, इसी तरह हालसी रोड से नागेश्वर मंदिर मंदिर होते हुए कैनाल रोड पर भी चलना मुश्किल है। दक्षिण क्षेत्र में वार्ड 92 में सोटेबाबा से अलंकार गेस्ट हाउस तक सड़क तो इतनी क्षतिग्रस्त है कि बरसात में यहां चलना तक दूभर हो जाता है। इसी तरह शहर की 37 सड़कों को दुरुस्त कराने का कार्य किया जाना है। इसमें हॉट मिक्स प्लांट से पैच मरम्मत का कार्य किया जाना है।

यहां की सड़कों में गड्‌ढे ही गड्‌ढे
बर्रा आठ, कौशलपुरी, गुमटी नंबर पांच, शास्त्री चौक से हाईवे तक, साकेत नगर, निराला नगर, शास्त्री चौक से पटेल चौक, पीरोड, गांधीनगर, बर्रा दो, अंधा कुआं, फजलगंज औद्योगिक क्षेत्र, जरौली, पनकी, उस्मानपुर केशवनगर, दर्शनपुरवा बंबा रोड, विकास नगर से राज्य कर विभाग, अवधपुरी से राज्य कर विभाग समेत कई सड़कों का हाल बेहाल है। बरसात में इन सड़कों के गड्ढे में पानी भरने पर नजर नहीं आते हैं। इसमें फंसकर कई लोग चोटहिल हो चुके हैं।

काम की गुणवत्ता पर खड़े हुए सवाल
सड़कों के सुधार कार्य के लिए नगर निगम ठेकेदारों ने निर्माण कास्ट के 38 फीसदी तक नीचे तक टेंडर डाले। जिसके बाद सड़कों का सुधार गुणवत्तायुक्त होगा इस पर सवाल हो गए हैं। एक ओर सीएम योगी सड़कों के निर्माण कार्य में 5 साल की गारंटी की बात कर रहे हैं। वहीं, ठेकेदार घाटे में टेंडर डालकर जनता को चूना लगाने की प्लानिंग में जुटे हैं।

पार्षद ने जताई आपत्ति
वार्ड 100 उत्तरी किदवई नगर के पार्षद गिरीश बाजपेई ने बताया कि आलू मंडी से रतनलाल शर्मा स्टेडियम मार्ग का सुधार कार्य 4.98 लाख से होना है। लगभग 800 मीटर की सड़क में चलना दूभर है। जगह-जगह गड्ढे हैं। लेकिन, ठेकेदार ने 38 फीसदी नीचे टेंडर डाला है। ऐसे में सड़क का सुधार कैसे होगा। कोई ठेकेदार अपनी जेब से तो सड़क नहीं बना देगा।