(www.arya-tv.com) सहारनपुर में स्कूल से लौटते वक्त 11वीं की छात्रा को परिचित के 2 लड़कों ने बाइक पर लिफ्ट दी। उन्होंने कहा कि चलो, तुम्हारे गांव छोड़ देंगे। भरोसे में बच्ची बाइक पर बैठ गई। फिर लड़के उसे सुनसान जगह बने कोठेनुमा घर में ले गए, जहां पहले से 3 लड़के मौजूद थे। इन पांचों ने मिलकर बच्ची के साथ दरिंदगी की। बाद में उसे फटे कपड़ों, बुरी हालत में सड़क किनारे फेंककर चले गए।
पीड़िता पुलिस से मदद लेकर अस्पताल पहुंची। पुलिस पांचों आरोपियों को अरेस्ट कर जेल भेज चुकी है।पीड़िता की हालत क्रिटिकल है। उसे सहारनपुर से मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल अस्पताल रेफर किया गया है।
ऑक्सीजन मास्क, ग्लूकोज से बची जिंदगी
छात्रा की बुआ ने बताया कि 3 दिन से बिटिया के मुंह में अन्न का दाना तक नहीं गया। वह कुछ बोल नहीं पा रही। बार-बार आंखें मूंद लेती है। बेहोश हो जाती है। जागती है, तो चौंकने और चिल्लाने लगती है। पुलिसवाले और डॉक्टर बात करने का प्रयास करते हैं, तो इशारों में समझाने की कोशिश करती है, फिर खामोश हो जाती है। हंसती, चहकती बच्ची को जिंदा लाश बना दिया है।
डॉक्टर उसे केवल ग्लूकोज दे रहे हैं। चम्मच से थोड़ा बहुत पानी पीया है। डॉक्टर कह रहे हैं कि खून ज्यादा बह चुका है। जब नॉर्मल होगी, तभी कुछ खा पाएगी। अभी 3 दिन अंडर ऑब्जर्वेशन रखेंगे, इसके बाद देखेंगे। अब हमारी बच्ची की पुरानी जिंदगी लौटकर नहीं आ सकती। पता नहीं वो दोबारा हंस भी सकेगी या नहीं।
दोनों लड़कों ने हमारे भरोसे का खून कर दिया
छात्रा की बुआ ने बताया कि बच्ची को लिफ्ट देने वाले अमन और अंकुर उनके परिचित हैं। दोनों ने इंसानियत और भरोसे को मार डाला। दोनों आसराखेड़ी के रहने वाले हैं। हालांकि, उनकी बिरादरी अलग है। दोनों ने बच्ची से शिवचौक पर कहा कि आओ तुम्हारे गांव जा रहे हैं, बाइक पर बैठ जाओ छोड़ देंगे।
विरोध किया तो डराया, बोलने लगे बैठी रह नहीं तो मार डालेंगे
इसी भरोसे में बच्ची उनके साथ बैठ गई। जब अमन, अंकुर उसे सुनसान रास्ते पर ले जाने लगे, तो उसने विरोध किया। उन दोनों ने पहले कहा कि ये शॉर्टकट रास्ता है, यहीं से ले चलेंगे। जब बच्ची बाइक से उतरने लगी, तो उन दोनों ने बीच रास्ते उसे धमकी दी कि यहीं मार डालेंगे। चुपचाप बैठी रहो। जबरन वो दोनों बच्ची को सुनसान जगह लेकर गए। वहां पहले से दूसरे धर्म के 3 दरिंदे मौजूद थे। पांचों ने हमारी बच्ची की जिंदगी तबाह कर दी।
वहां दरिंदगी कर उसे फटे कपड़ों, बुरी हालत में सड़क पर फेंककर चले गए। बच्ची लड़खड़ाती हुई पुलिस चौकी पहुंची। फिर पुलिस को अपने साथ हुई आपबीती बताई। इसके बाद पुलिस बच्ची को अस्पताल ले गई। हमें तो पुलिस थाने से फोन आया कि अस्पताल आ जाओ। जब हम लोग अस्पताल पहुंचे, तो देखा कि बच्ची के साथ ये सब हुआ।
बेटी को इस हालत में देखकर उसके माता-पिता बेसुध हो गए हैं। इसलिए वो बेटी को लेकर अस्पताल भी नहीं आ पाए। बड़ा भाई बेचारा थाने के चक्कर लगा रहा। मां, बाप को संभाल रहा है। घर की खुशियां मातम में बदल गई हैं।
महिला आयोग तक जाएंगे, हमें न्याय चाहिए
पीड़िता के परिजनों का कहना है, ”उन्हें न्याय चाहिए। इसके लिए जो करना होगा करेंगे। राज्य और केंद्र सरकार के पास चिट्ठी भेजकर न्याय मांगेंगे। इतना ही नहीं, महिला आयोग में भी यूपी, दिल्ली में चिट्ठी भेजेंगे, ताकि हमारी बच्ची को न्याय मिले। पुलिस हमारे साथ है, पूरा सहयोग दे रही है। लेकिन, हम चाहते हैं कि वो दरिंदे भी न बचें। उन्हें सख्त से सख्त सजा मिले।