बरेली यूनिवर्सिटी में 100 बेड का खुलेगा हॉस्पिटल:कृषि संकाय की भी स्थापना

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(www.arya-tv.com)  महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के परिसर में मेडिकल, पैरामेडिकल और बायोमेडिकल पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी है। वीसी प्रो. केपी सिंह ने बताया कि इससे पैरामेडिकल छात्रों के लिए फायदा मिलेगा, वहीं बरेली मंडल के जिलों के लिए चिकित्सा क्षेत्र में लाभ मिलेगा।

यूनिवर्सिटी कैंपस में चिकित्सा संकाय का गठन कर परिसर में मेडिकल कॉलेज के साथ 100 बेड का अस्पताल तैयार करने का प्रस्ताव है। कार्य परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। वहीं कृषि संकाय की भी स्थापना की जाएगी।

कई पाठ्यक्रमों पर बनी सहमति

कार्य परिषद ने चिकित्सा संकाय में मेडिकल, पैरामेडिकल और बायोमेडिकल, MBBS, एमएस, एमडी, एएनम, जीएनएम समेत कई पाठ्यक्रम शुरू करने पर सहमति दी है। कुलपति प्रो. KP सिंह की अध्यक्षता में प्रस्ताव पारित होने के बाद मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए अगले चरण में भवन, बोर्ड ऑफ स्टडीज के गठन और शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

बरेली यूनविर्सिटी लगातार आगे बढ़ रही

पिछले दिनों नैक मूल्यांकन में बेहतर रैकिंग आने के बाद यूनिवर्सिटी लगातार आगे बढ़ रहीह है। अभी तक बरेली यूनिवर्सिटी बरेली और मुरादाबाद मंडल के 9 जिलों के छात्रों को शिक्षा दे रही है। जिसमें 9 जिलों से जुड़े 5 लाख 80 हजार छात्रा उच्च शिक्षा पा रहे हैं। बरेली मंडल के एकमात्र राजकीय यूनिवर्सिटी में यह पहला मेडिकल कॉलेज होगा, जो जिलों के छात्रों को चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने का अवसर देने के साथ निजी मेडिकल कॉलेजों की तुलना में फायदा पहुंचाएगा। जहां कम फीस में छात्रा अपनी पढ़ाई कर सकेंगे।

रोजगार के भी मिलेंगे अवसर

बरेली यूनिवर्सिटी में पैरामेडिकल कॉलेज स्थापित करने की भी भी तैयारी है, जिसमें शिक्षकों और कर्मचारियों पदों पर रोजगार के अवसर मिलेगें। वहीं एमबीए पार्टटाइम प्रोगाम को एमबीए एग्जीक्यूटिव प्रोगाम में स्थापित करने जा रहा है।

यह रहे मौजूद
कार्य परिषद की इस बैठक में विश्वविद्यालय के कुल सचिव अजय कृष्णा यादव, वित्त अधिकारी विनोद कुमार लाल, डॉ सुरेश कुमार, डॉ अमित सिंह, प्रोफेसर सुधीर कुमार वर्मा, प्रोफेसर संतोष अरोड़ा, प्रोफेसर एस के पांडे, प्रोफेसर एस के गर्ग, प्रोफेसर तूलिका सक्सेना, प्रोफेसर जितेंद्र कुमार, डॉ हरिकेश सिंह, डॉ सुमन शर्मा, डॉ असलम खान, डॉक्टर पीके शुक्ला, डॉ मनोज कुमार सिंह, डॉक्टर एसडी सिंह एवं डॉ दीपक गंगवार रहे।