सिंहली और तमिल का DNA एक:श्रीलंका में दोनों के बीच 30 साल तक चला जाति संघर्ष

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(www.arya-tv.com) भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका को लेकर काफी हैरतअंगेज रिसर्च सामने आया है। श्रीलंका 30 साल तक जिस जाति की लड़ाई में उलझकर चीन का कर्जदार हो गया। आज पता चला है कि वे सारी जातियां कभी एक साथ ही थीं।

वहां की आबादी पर हुए एक रिसर्च में सामने आया है कि आपस में लड़ने वाली उन जातियों का DNA एक ही है। श्रीलंका की मेजॉरिटी सिंहली और माइनॉरिटी तमिल का जीन एक समान है। मतलब कि उन लोगों में कभी रोटी-बेटी का संबंध था, जो कि करीब 2 हजार साल बाद एक-दूसरे के खून के प्यासे हो गए। इसका खामियाजा भारत ने राजीव गांधी हत्या समेत कई संघर्षों में सबसे ज्यादा भुगता है।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU), बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट (BSIP), लखनऊ समेत श्रीलंका की रणसिंघे और कोलंबो यूनिवर्सिटी के एक रिसर्च में सामने आया है कि श्रीलंका के सिंहली और तमिल लोगों का DNA एक ही है। आज भले ही देश, संस्कृति, बोली और भाषा सबकुछ अलग हो।

भारत से श्रीलंका गई आबादी

BHU से जीन वैज्ञानिक प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे भी इस रिसर्च के अहम हिस्सा हैं। प्रो. चौबे ने कहा कि जीन वैज्ञानिकों ने सिंहली और तमिल के 5 लाख से ज्यादा जेनेटिक मार्कर्स (म्यूटेशन) पर एक हाई रिजॉल्यूशन स्टडी की है। यह रिसर्च प्रतिष्ठित जर्नल आई साइंस में प्रकाशित हुआ है।

प्रोफेसर चौबे ने कहा कि यह स्टडी न केवल सिंहली लोगों की जेनेटिक हिस्ट्री को बताती है, बल्कि श्रीलंका की तमाम आबादी का भारत से माइग्रेशन और उनकी जेनेटिक मिक्सिंग के बारे में भी कई कहानियां बयां कर रहा है।

हजाराें साल से हो रहा जीन ट्रांसफर

IBMBB, कोलंबो विश्वविद्यालय, श्रीलंका के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रणसिंघे ने कहा “इस शोध का निष्कर्ष बहुत ही हैरान करने वाला था। सिंहली और तमिल जो कि अलग-अलग भाषा बोलते हैं और सांस्कृतिक रूप से भी अलग हैं, उनमें एक ही तरह की जेनेटिक स्ट्रक्चर दिखी। इसका अर्थ है कि ये दोनों मानव समूह के बीच जीन का ट्रांसफर हजारों सालों से जारी है। जो कि जातीयता और भाषा की सीमाओं के परे है।“

2100 साल पहले आई थी यह जाति

इस स्टडी में बताया गया है कि सिंहली और तमिल आबादी भारत से श्रीलंका पहुंची। दोनों लगभग एक ही समय 100 ईसा पूर्व यानी कि 2100 साल पहले आई। BSIP, लखनऊ में प्राचीन DNA लैब के हेड डॉ. नीरज राय ने कहा कि पहली बार इस रिसर्च से यह पता चला कि सिंहली आबादी DNA के तौर पर भारत की मराठा आबादी से जुड़ी हुई है। यह जेनेटिक हेरिटेज अभी भी अपने DNA में सहेजे हुए है।