(www.arya-tv.com) कानपुर में डेंगू का संक्रमण अब धीरे-धीरे तेज होता जा रहा है। मंगलवार को शहर में डेंगू के कुल 20 नए मरीज सामने आए हैं। इन मरीजों में सबसे ज्यादा युवा है, जिनकी उम्र 20 से 40 वर्ष के बीच है। मरीजों में कमजोरी और बीपी लो होने की शिकायत अधिक है। शहर में डेंगू मरीजों का आंकड़ा 147 के करीब पहुंच चुका है।
12 मरीजों को किया गया भर्ती
मंगलवार को डेंगू के 12 मरीजों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती किया गया है। इन मरीजों में प्लेटलेट्स धीरे-धीरे गिरती जा रही है, जिसके कारण उनकी हालत बिगड़ रही थी। कानपुर मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर जेएस कुशवाहा के मुताबिक डेंगू मरीज को खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए जो की मरीज नहीं कर रहे हैं। इस कारण उनकी तबीयत बिगड़ती जा रही है। प्लेटलेट्स डाउन होने पर मरीज की हालत और बिगड़ जाती है फिर ऐसे में रिकवर करना मुश्किल हो जाता है।
बीपी गिरने से और बढ़ती है मुसीबत
डॉ. कुशवाहा के मुताबिक मरीज में यदि बीपी तेजी से डाउन हो रहा है तो यह खतरे की बात होती है। रोगी की नब्ज डेंगू शॉक सिंड्रोम के कारण बहुत धीमी चलने लगती है। इससे ब्लड प्रेशर डाउन होने का खतरा होता है। यदि बीपी तेजी से डाउन होता है तो मरीज के दिमाग की तांत्रिक यंत्र प्रभावित हो जाती हैं, जिसकी वजह से मरीज बेहोश हो जाता है। इसलिए यदि किसी मरीज का बीपी तेजी से गिर रहा हो तो ऐसे में लापरवाही ना करते तुरंत उसे भर्ती करा देना चाहिए।
फल फ्रूट का करें अधिक सेवन
डॉक्टर के मुताबिक अपने घर के पानी को हमेशा ढक कर रखें। पानी को पीने से पहले उसे उबले, फिर ठंडा करके पिए, जितना हो सके मौसमी फलों का सेवन करें। कटे फटे फल बिल्कुल ना खाएं। इसके अलावा बाहर की चीज का परहेज करें। इससे संक्रमण ज्यादा फैलता है।
यह होते हैं लक्षण
डॉ. कुशवाहा के मुताबिक यदि आपको ठंड लगने के बाद तेज बुखार आता है। बदन में दर्द होता है या फिर शरीर पर लाल चकत्ते पड़ने लगते हैं तो यह डेंगू शॉक सिंड्रोम के लक्षण होते हैं। इसमें मरीज के होंठ भी नील पड़ने लगते हैं।
