(www.arya-tv.com) घोसी लोकसभा सीट से बसपा सांसद अतुल राय को मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने वाराणसी में दर्ज गैंगस्टर मामले में अतुल राय को जमानत दी है। हाईकोर्ट में जस्टिस राजवीर सिंह की पीठ ने मंगलवार को जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया। हालांकि, वह अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे।
12 अगस्त को हाईकोर्ट ने गैंगस्टर मामले में आरोपित घोसी से बसपा सांसद अतुल राय की दूसरी जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। अतुल राय ने गैंगस्टर केस में दूसरी बार जमानत याचिका दाखिल की थी। याचिका में गैंगस्टर में रिहाई की मांग की थी।
पहली जमानत अर्जी प्रयागराज की एडीजे न्यायालय ने तीन मार्च को खारिज कर दी गई थी। अतुल राय के वकील ने तर्क दिया कि वह निर्दोष है और उसे राजनीतिक द्वेष के कारण इस मामले में झूठा फंसाया गया है।
इस पर कोर्ट ने कहा, आरोपी अतुल राय लगभग एक साल और नौ महीने की हिरासत में हैं। सह अभियुक्त सुजीत सिंह को पहले जमानत दी जा चुकी है। तथ्यों और परिस्थितियों के दृष्टिगत भी आवेदक की जमानत अर्जी खारिज करना उचित है।
उसी दरम्यान कोर्ट ने आवेदक की चिकित्सा स्थिति पर विचार करते हुए पाया कि अतुल राय जमानत पर रिहा होने का हकदार है, ताकि उसे उचित इलाज मिल सके। कोर्ट ने आदेश दिया कि एक निजी मुचलका और दो-दो जमानतें प्रस्तुत करने पर अतुल राय को रिहा किया जाए।
अतुल राय पर 2019 को वाराणसी के लंका थाने में रेप सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज हुआ था। नतीजतन, 22 जून 2019 को वाराणसी की कोर्ट में सरेंडर कर जेल जाना पड़ा। हालांकि, अतुल अब इस मुकदमे से बरी हो चुके हैं। यानी करीब 4 साल से वह जेल में बंद हैं। फिलहाल, वह प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं।
अतुल राय ने बसपा-सपा उम्मीदवार के तौर पर 2019 के लोकसभा चुनाव में घोसी सीट से जीत दर्ज की थी। अतुल राय के खिलाफ वाराणसी के लंका थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत भी मुकदमा दर्ज था। कुछ दिन चौकाघाट जिला जेल में रहने के बाद उसे प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल ट्रांसफर कर दिया था।
गाजीपुर के भांवरकोल थाना के बीरपुर गांव के मूल निवासी अतुल राय वाराणसी के मंडुवाडीह थाने के हिस्ट्रीशीटर हैं। अतुल के खिलाफ साल 2009 से लेकर अब तक 27 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं।