(www.arya-tv.com) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज सोमवार को दो दिनों के दौरे पर गोरखपुर आएंगे। सीएम योगी गोरखनाथ मंदिर से हरी झंड़ी दिखा पर PPP मोड पर मैकेनाइज्ड स्वीपिंग मशीन को रवाना करेंगे। साथ ही वे शहर का कूड़ा उठाने के लिए खरीदी गए नए 15 नए ट्रेक्टर ट्राली को भी हरी झंड़ी दिखाएंगे।
दरअसल, ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2023’ के लिए अब शहर की सफाई के लिए मशीनों का सहारा लिया जाएगा। मैकेनाइज्ड स्वीपिंग मशीन यह काम करेगी। महानगर के कुल 80 वार्डों की सड़कों की सफाई का काम फिलहाल नगर निगम के नियमित और आउटसोसिंग के सफाई कर्मियों करते हैं। साफ सफाई की दृष्टि को महानगर को 10 जोन में वितरित कर जोनल अधिकारी, सफाई निरीक्षक, सुपरवाइजर और सफाई कर्मियों की तैनाती की गई है। इसके अलावा पार्षद भी निगरानी की जिम्मेदारी निभाते हैं।
3 मैकेनाइज्ड स्वीपिंग मशीनों से होगी शहर की सफाई
वहीं, आए दिन महानगर में VIP के दौरे भी रहते हैं। ऐसे में PPP मोड पर मैकेनाइज्ड स्वीपिंग मशीन से सड़कों की सफाई सहज हो जाएगी। दो नई मैकेनाइज्ड स्वीपिंग मशीन (ट्रक) PPP मोड पर काम करने वाली कंपनी लगाएगी। एक मैकेनाइज्ड स्वीपिंग मशीन नगर निगम के पास पहले से ही है। इसके अतिरिक्त कूड़ा उठाने के लिए 01 करोड़ 17 लाख 66 हजार 750 रुपये से 15 ट्रेक्टर ट्राली नगर निगम ने खरीदा है। ताकि सभी वार्डो में कूड़ा उठाने का काम सुचारू ढंग से हो सके।
नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया, ‘‘PPP मोड पर महानगर की मुख्य सड़कों की मैनेनाइज्ड स्वीपिंग की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को शुरूआत करेंगे। इसके साथ ही 15 ट्रेक्टर ट्राली को भी हरी झंड़ी दिखा कर रवाना करेंगे। इससे शहर को नॉन अटेनमेंट सिटी के दायरे से बाहर निकालने में मदद मिलेगी।’’
‘नान अटेन्मेंट सिटी’ की लिस्ट से बाहर आने में मिलेगी मदद
वन्यजीव एवं पर्यावरण के क्षेत्र में कार्यरत संस्था हेरिटेज फाउंडेशन की संरक्षिका डॉ अनिता अग्रवाल कहती हैं कि ‘नान अटेन्मेंट सिटी’ की सूची में शामिल गोरखपुर को बाहर निकालने में मैकेनाइज्ड स्वीपिंग से मदद मिलेगी।
प्रदूषण का स्तर खतरनाक होने के बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB ने गोरखपुर को भी ‘नॉन अटेनमेंट सिटी’ की सूची में 2020 में शामिल किया है। बोर्ड ने यह कार्रवाई 5 साल (2015 से 2020) के आंकड़ों के आधार पर की थी। गोरखपुर में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम-10)का स्तर तय मानक से अधिक मिला है। इन कार्यो के लिए नेशनल स्वच्छ वायु कार्यक्रम में बजट की व्यवस्था है।