पायनियर डेवलपर्स के चार निदेशक व आर्किटेक्ट पर FIR:रोड की जमीन पर बना दी सोसाइटी

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(www.arya-tv.com) सिंहपुर कछार की हनुमंत विहार पार्ट और पायनियर ग्रीन सोसाइटी में बिल्डरों ने पहले जिस जमीन पर नौ मीटर रोड दर्शाकर नक्शा पास कराया, उसे संशोधित नक्शे में छिपाकर प्लॉट काट दिया। डीएम विशाख जी ने जांच कराई तो धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े की साजिश सामने आ गई। इस मामले में पायनियर डेवलपर्स के चार निदेशकों के साथ ही आर्किटेक्ट के खिलाफ स्वरूप नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है।

तीन छोटे-छोटे लेआउट प्लान बनाएं
खास बात यह है कि इस खेल के लिए पायनियर डेवलपर्स ने तीन छोटे-छोटे लेआउट प्लान पास कराए। इसमें धीरे-धीरे मौके की सच्चाई को गायब करते रहे। बाद में बगल में खरीदी गई एक जमीन का अलग से लेआउट पास कराया जिसे मूल नक्शे के साथ जोड़ दिया। इसे संशोधित लेआउट प्लान बताया। इसमें पुराने लेआउट प्लान के की रोड ही गायब कर दी।

फर्जीवाड़े की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज
पायनियर ग्रीन सिटी के ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने इसकी शिकायत डीएम से की। जांच के बाद डीएम के आदेश पर मेसर्स पायनियर कन्सट्रक्टविल्ड के अधिकृत निदेशकगण अखिल शर्मा व निखिल शर्मा निवासीगण इंदिरा नगर, अमित अग्रवाल निवासी शुक्लागंज, आशीष सिंह निवासी स्वरूप नगर और आर्किटेक्ट वैभव चैहान के खिलाफ धोखाधड़ी, दस्तावेजों में हेरफेर, कूटरचित तरीके से फर्जीवाड़ा करने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

बगल की 16 हजार वर्ग मीटर जमीन पर भी खेल
डेवलपर ने एक और बड़ा खेल बगल की 16 हजार वर्ग मीटर की जमीन पर किया। इस जमीन का स्वामित्व अपना दर्शाते हुए ओबीपास पोर्टल पर संशोधित नक्शा दाखिल किया। उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम, 1973 की धारा-13 के अन्तर्गत समाचार पत्रों में इसकी विज्ञप्ति प्रकाशित कराई जाती है।

मगर इसमें पायनियर ग्रीन का कोई जिक्र था ही नहीं। इससे सोसायटी के आवंटियों को पता ही नहीं लगा कि किस जमीन का जिक्र हुआ है। आवंटियों ने इसकी शिकायत की कि आवश्यक सूचनाओं के अभाव में वह आपत्ति दाखिल नहीं कर सके।

स्वीकृत भवनों के नक्शे भी होंगे निरस्त
डीएम ने आदेश दे दिया है पूर्व में पास कराए गए लेआउट के साथ ही बाद के तीनों छोटे लेआउट और संशोधित लेआउट को निरस्त कर दिया जाए। केडीए ने इसकी कार्रवाई शुरू कर दी है। इसमें वो नक्शे भी निरस्त होंगे जो इस योजना के भूखंडों पर भवन बनाने के लिए पास कराए गए थे।

अभी मैनावती मार्ग पर ग्रीन बेल्ट पर ग्रुप हाउसिंग और शैक्षणिक संस्थान के भू-उपयोग को बदलकर कॉमर्शियल के नक्शे पास करने का मामला चल ही रहा था कि इस मामले ने फर्जीवाड़े की नई कहानी खोल दी है। इन दोनों मामलों की जांच पहले से विधान परिषद की अंकुश समिति कर रही है।