(www.arya-tv.com) गोरखपुर में पुलिस ने जालसाजों के इंटरनेशनल गैंग के 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। कोलकाता, जामताड़ा (झारखंड) के 8 जालसाजों ने बेतियाहाता में ‘जुबिलेट इन्फो प्राइवेट लिमिटेड’ नाम से फर्जी कॉल सेंटर खोल रखा था। ये लोग लंदन, यूके (यूनाइेट किंगडम) के लोगों को ठग रहे थे।
जालसाजों ने 20-25 लड़के-लड़कियों को स्टॉफ के रुप में अप्वाइंट कर रखा था। ये पहले यूके के लोगों को इंटरनेट की स्पीड चेक करने और बढ़ाने के लिए कॉल करते थे। जब विदेशी उनकी बातों में आ जाते थे तब आनलाइन पेमेंट के नाम पर अपने फर्जी बैंक खातों में पैसा ट्रांसफर करा उनसे ठगी करते थे।
पुलिस ने कर्मचारियों से भी की पूछताछ
फिलहाल पुलिस ने कॉल सेंटर पर छापा मारकर 8 लोगों को गिरफ्तार किया। जबकि 4 अन्य की तलाश जारी है। पुलिस ने कर्मचारियों को भी हिरासत में लिया था। लेकिन, पूछताछ और जांच में कर्मचारियों की भूमिका जालसाजी में न होने पर उन्हें छोड़ दिया गया। पकड़े गए सभी जालसाज कोलकाता और जामताड़ा (झारखंड) के रहने वाले हैं।
लंदन में बैठे हैं गैंग के 2 मेंबर
SSP डॉ. गौरव ग्रोवर के अनुसार, “बीते कुछ दिनों से इंटरनेट की स्पीड बढ़ाने के नाम पर ठगी करने वाले इंटरनेशनल गैंग के बारे में इनपुट मिल रहे थे। पता चला था कि बेतियाहाता में कोलकाता के दो युवक ये फर्जीवाड़ा काल सेंटर की आड़ में चल रहे हैं। वहां पर 25 स्थानीय युवक और युवतियां भी काम करती हैं। गिरोह के दो सदस्य लंदन में हैं। गोरखपुर स्थित काल सेंटर की कमान जामताड़ा के रहने वाले 2 युवकों के पास है।
एक साल से चल रहा था ठगी का खेल
यह लोग ब्रिटिश नागरिकों को कॉल करके स्पीड बढ़ाने के नाम पर एक एप इंस्टाल कराकर अपने खाते में आनलाइन पेमेंट कराते थे। इसके बाद पेमेंट करने वाले का एकाउंट हैक कर अपने खाते में रुपये ट्रांसफर कर लेते थे। शहर में एक साल से यह खेल चल रहा था। साइबर थाना और क्राइम ब्रांच की टीम ने जांच की तो मामला सही मिला। शुक्रवार की सुबह बेतिहाता स्थित काल सेंटर पर छापा डाल पुलिस ने सरगना समेत 8 लोगों को दबोच लिया।
पकड़े गये आरोपियों में पश्चिम बंगाल के रहने वाला अनिक दत्ता, मऊ का रहने वाला आकाश गुप्ता, पश्चिम बंगाल का रहने वाला आशीष पाण्डेय, झारखण्ड का रहने वाला कादिर अली, झारखण्ड का रहने वाला धीरज कुमार, झारखण्ड का रहने वाला इकारामुल अंसारी, पटना का रहने वाला राहुल कुमार और गोरखपुर का रहने वाला राजन कुमार शामिल है। इसके अलावा 4 अन्य आरोपियों आदित्य मिश्रा, विनोद, जुनैद और अश्वनी की तलाश है। आरोपियों ने पूछताछ में एक साल के अंदर करोड़ों रुपए की ठगी किए जाने की बात कबूल की है।