प्रशासन की चूक से गोंडा बना ISI का गढ़,अयोध्या पर आतंकी हमला कर माहौल बिगाड़ने की आशंका

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(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश की राजधानी के सीमावर्ती जिलों में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के नेटवर्क का खुलासा होने के बाद जांच एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं। खास सतर्कता अयोध्या को लेकर है। इसकी वजह है कि यूपी ही नहीं, देश की राजनीति और करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र अयोध्या पर आतंकी हमला कर माहौल बिगाड़ने की आशंका को कभी भी नकारा नहीं जा सकता।

वो भी तब, जब अयोध्या से सटे जिले गोंडा में चार आईएसआई के सक्रिय एजेंट पकड़ने के साथ ही यूपी के संदिग्ध लोगों से जुड़े दो कश्मीर और एक सहारनपुर से आतंकियों को पकड़ा गया हो। जिसमें गोंडा के आतंकी सद्दाम के हिंदू से मुस्लिम बनने से लेकर आतंकी ट्रेनिंग तक लेने के बाद भी उसके सभी सरकारी डाक्यूमेंट तक तैयार हो गए थे।

सूत्रों के मुताबिक, इसकी आशंका इसलिए भी जताई जा रही है क्योंकि जनवरी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठता और भवन का उद्घाटन होने जा रहा है। जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के साथ वीआईपी मौजूद होंगे। ऐसे में गृह विभाग और डीजीपी मुख्यालय ने भी अयोध्या में डायनमिक और फ्यूचरिस्टिक मॉडल पर सुरक्षा व्यवस्था करने जा रही है। आने वाले दिनों में सरयू तट पर एटीएस के कमांडो भी मुस्तैद नजर आएंगे।

आतंकी सद्दाम को अवैध रूप से दी गई थी जमीन
आतंकी गतिविधियों से जुड़े सद्दाम के मंसूबों और पैठ के साथ प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली का इससे ही पता लगाया कि उसने किस तरीके से पूर्व प्रधान कल्लन से पांच बिसवा जमीन अपने नाम करा कर घर बनाया। उसके बाद आधार से लेकर राशन कार्ड तक बनवा लिया।

प्रशासन की नींद तब टूटी, जब एटीएस ने उसको गिरफ्तार किया। आनन-फानन में उसका राशन बंद कर दिया गया और उसके फर्जी डॉक्यूमेंट को लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दी गई। हालांकि इस पर कोई ऑफिसियल बयान देने को तैयार नहीं है।

आधार से राशन कार्ड तक हो गया तैयार
हम बताते हैं कि कैसे सद्दाम ने अपने फर्जी डाक्यूमेंट बनाएं और प्रशासन की लचर व्यवस्था उसको पकड़ नहीं पाई। जबकि छह अक्टूबर 2008 में जिस जमीन को सबसे पहले खरीदा था, उसमें अपना नाम सफीउल्लाह लिखा था और हस्ताक्षर करने की जगह अंगूठा लगाया था।

पत्नी रुबीना के मुताबिक, सद्दाम कहां तक पढ़ा था पता नहीं, लेकिन उसके पास लॉर्ड गौतम बुद्ध कालेज की आठवीं की मार्कशीट थी। उसने मार्कशीट और जमीन के कागज के आधार पर ड्राइविंग लाइसें