(www.arya-tv.com) वाराणसी में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कामधेनु सभागार में ज्ञानवापी मुद्दा प्रमुख पहलू संवाद श्रृंखला का द्वितीय संवाद संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा बाबा श्री काशी विश्वनाथ के चित्र पर पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्ज्वलित कर हुआ। पत्रकारिता विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ ज्ञान प्रकाश मिश्र ने बताया कि ज्ञानवापी मुद्दा शुरू से केवल मंदिर मस्जिद विवाद की तरह देखा जाता रहा है, जबकि वस्तुतः यह विषय सहिष्णु समाज के ऊपर आक्रांता मानसिकता द्वारा किए गए सांस्कृतिक हमले के रूप में देखा जाना चाहिए।
ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद सन 1986 से ही इसके लिए संघर्ष कर रहा है। आम जनता और बुद्धिजीवियों को सरलीकरण करके समझाने और जनजागरण की दृष्टि से इस संवाद श्रृंखला सहित विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन लगातार किया जा रहा है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर नागेंद्र पांडेय ने बताया कि ज्ञानवापी शब्द का वर्णन स्कंद पुराण में आता है, अतः ज्ञानवापी के साथ मस्जिद शब्द का प्रयोग किया जाना बंद किया जाए। काशी में बाबा विश्वनाथ द्रव्य रूप में विराजमान है, अतः ज्ञानवापी कूप ही साक्षात ज्ञान का कुंआ है। प्रोफसेर पांडेय ने हिंदू समाज से जीत के मंत्र के तौर पर त्याग और तपबल जागृत करने का आह्वान किया।
मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय धर्म जागरण प्रमुख अभय कुमार ने कहा कि ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद को केवल ज्ञानवापी ही नहीं कृत्तिवासेश्वर, लाट भैरव, बिंदू माधव समेत वह सभी स्थान जो अक्रांताओं द्वारा ध्वस्त किए गए हैं, उन सभी के गौरव को पुनः लौटने के लिए सभी प्रयास करने होंगे। समाज के भी हरेक व्यक्ति को अपनी भूमिका सुनिश्चित करनी होगी।
अध्यक्षता करते हुए ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के संस्थापक अध्यक्ष पंडित शिव कुमार शुक्ल ने कहा कि मुस्लिम समाज ऐतिहासिक तथ्यों और प्रमाणों के आधार पर अब हठ छोड़कर हिंदू समाज के सभी ऐतिहासिक महत्व के स्थान वापस कर दे। यही समय और समरस समाज की आवश्यकता है। हिंदू समाज मुस्लिमों के साथ सौहार्द चाहता है, परंतु आस्था के केंद्रों के अपमान की शर्त पर यह मैत्री संभव नहीं है।
संयोजक राजा आनंद ज्योति सिंह ने एक लोटा जल ज्ञानवापी मुक्ति के नाम अभियान की सफलता पर सभी का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि यह अभियान प्रारंभिक सप्ताह में ही 42 हजार लोगों तक पहुंच चुका है। साथ ही सभी अध्यापकों और छात्रों को हाथ उठा कर इस अभियान में प्रतिभाग करने का संकल्प दिलाया।
कार्यक्रम में पतंजलि पांडेय, बाला लखेंद्र राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जय प्रकाश, अश्विनी कुमार, अभाविप के सत्यम मिश्र, आकाश राज, भानु प्रताप सिंह, सुबोधकांत, अधोक्षज, अक्षय, रजनीश, अखिलेश श्रीवास्तव, सुमंत आनंद गुप्ता, डा उपेंद्र विनायक सहस्रबुद्धे व डा मृदुल मिश्र आदि उपस्थित रहे।