(www.arya-tv.com) अयोध्या के रामलला दर्शन मार्ग स्थित रंग महल में सावन मेले का झूलन उत्सव चल रहा है। इस मंदिर में पूरे सावन माह यह उत्सव चलता है। माह के दोनों पक्ष की एकादशी पर भगवान के झूले का अनेक प्रकार के फूलों से सजाकर गायन-वादन और नृत्य की त्रिवेणी घंटों बहती है। गुरुवार की शाम एकादशी को भगवान राम और सीता के झूले को फूलों से सजाया कर उत्सव को भव्य रूप से मनाया गया।
रंग महल मंदिर के महंत राम शरण दास महाराज ने कहा कि रंग महल को माता कौशल्या ने भगवान श्रीराम के विवाह के बाद सीता सहित चारो बहुओं को मुंह दिखाई में दिया था। मंदिर के गर्भगृह में भगवान श्रीराम, लखन, भरत और शत्रुहन के अलावा इन चारों भगवान की बहुओं में श्रीसीता, उर्मिला,मांडवी और श्रतिकीर्ति भी विराजमान हैं। इन सभी को चार अलग-अलग झूलों में विराजमान कर हर झूलन को सुगंधित फूलों से सजाया जाता है।
माह की दोनों एकादशी को झूलन को फूलों से सजाकर उसकी झांकी
उन्होंने बताया कि इस ऐतिहासिक मंदिर का जीर्णोद्धार सिद्ध संत सरयू शरण अर्थात सरयू सखी ने करीब 300 साल पहले किया था। मंदिर में उन्हीं की बनाई परंपराओं से भगवान की सेवा हो रही है। इसके तहत पूरे सावन महीने यहां झूलन का उत्सव और इस माह की दोनों एकादशी को झूलन को फूलों से सजाकर उसकी झांकी होती है।
दूसरी एकादशी को गलबहियां की झांकी होती है अदभुद
महंत राम शरण दास महाराज ने बताया कि सावन के दूसरे अर्थात शुक्ल पक्ष की एकादशी को रंग महल में गलबहियां की झांकी होती है।इस अदभुद झांकी में रसिक भाव के अनुसार भगवान श्रीराम और श्रीसीता के हाथ एक दूसरे के कंधे होते हैं। इस झांकी का दर्शन बहुत ही कल्याणकारी होता है। इसका दर्शन करने अयोध्या के संत-महंत सहित दूर से श्रद्धालु आते हैं।
इन महंतों ने किए दर्शन
गुरुवार की एकादशी पर हुई फूलों की झांकी में सिद्धपीठ नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास ने भजन प्रस्तुत कर लोगों का मन मोह लिया। उन्होंने झूलन पर सज कर मेरे सरकार आए हैं और करे क्या आप से परदा आदि भजन पेश किया। इस अवसर पर रामकथा कुंज के महंत डॉ रामानंद दास, रंगवाटिका के महंत हरिसिद्ध शरण, हनुमत सदन के महंत अवध किशोर शरण, हनुमानगढ़ी के जुड़े महंत रामकुमार दास,महावीर ट्रस्ट पटना के सचिव आचार्य किशोर कुणाल, गहोई मंदिर के महंत रामलखन शरण, रामकचेहरी चारो धाम के महंत शशिकांत दास आदि बड़ी संख्या में संतों ने झांकी का दर्शन किया।