रूस को ब्रह्मोस मिसाइल बेचने को भारत तैयार:इसमें NATO समेत कई देशों की दिलचस्पी

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(www.arya-tv.com) भारत की ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल को देश का ब्रह्मास्त्र कहा जाता है। यह किसी भी सशस्त्र बल में शामिल इकलौती सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। ये मिसाइल इतनी खास है कि चीन में तैनात S-400 एयर डिफेंस सिस्टम भी इसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। और तो और पश्चिमी देशों के साथ कई NATO देश भी इस मिसाइल को खरीदने में अपनी दिलचस्पी दिखा चुके हैं। ये कहना है कि ब्रह्मोस एरोस्पेस के CEO और MD अतुल दिनकर का। अतुल ने हाल ही में द वीक मैगजीन से इस मिसाइल की खूबियों और क्षमताओं पर बाच की।

इंटरव्यू के दौरान अतुल ने बताया कि जब उन्होंने ब्रह्मोस मिसाइल बनाने की शुरुआत की थी, तब दुनिया में ऐसी कोई डिफेंस प्रणाली नहीं थी जो इसका सामना कर सके। हालांकि, अब उन्होंने कुछ ऐसे एंटी-मिसाइल सिस्टम्स के बारे में सुना है जो काफी एडवांस्ड हैं, लेकिन ब्रह्मोस के ऑपरेशन पर ये कितना असर डाल सकते हैं, इसे लेकर ज्यादा साक्ष्य नहीं मिले हैं।

ब्रह्मोस लंबे समय तक काम आने वाली मिसाइल है। अभी भी दुनिया में सबसोनिक मिसाइल इस्तेमाल हो रही है। ऐसे में सुपरसोनिक मिसाइल हमेशा एक कदम आगे रहेगी। हो सकता है हम आगे चलकर ब्रह्मोस का हाइपरसोनिक वर्जन भी तैयार करें। इससे हम एक कदम और आगे पहुंच जाएंगे।

हम ब्रह्मोस न्यू जेनरेशन पर फोकस कर रहे हैं, क्योंकि ये बिजनेस के लिहाज से भी हमारे लिए बेहतर है। जब हम वर्तमान टेक्मोलॉजी में महारत हासिल कर लेंगे तो ब्रह्मोस हाइपरसोनिक पर काम शुरू करेंगे। फिलहाल तो ये सिर्फ रिसर्च का हिस्सा है। सेना में ऐसा कोई क्रूज हथियार शामिल नहीं है जो पूरी तरह से हाइपरसोनिक हो।

बैलिस्टिक मिसाइलें हाइपरसोनिक हैं, वे मैक 6-प्लस पर चलती हैं, लेकिन वो क्रूज मिसाइल नहीं होतीं। हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल पर अभी सिर्फ रिसर्च हो रही है।