एक अप्रैल 2023 के बाद की बिजली होनी थी माफ:आदेश नहीं जारी हुआ

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(www.arya-tv.com) सरकार ने ऐलान किया था कि एक अप्रैल 2023 से किसानों को सिंचाई और खेती के लिए बिजली का बिल नहीं देना होगा। हालांकि इसको लेकर जारी होने वाला शासनादेश अभी तक नहीं आया है। यूपी राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि प्रदेश के 13 लाख से ज्यादा खेती करने वाले उपभोक्ता अभी शासनादेश का इंतजार कर रहे हैं। उसके आए बिना किसी भी आदेश का कोई महत्व नहीं है। इस आदेश के बाद सरकार के राजस्व पर करीब 2 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च आएगा।

शासनादेश का किसान कर रहे इंतजार
सरकार ने ऐलान किया था कि एक अप्रैल 2023 से किसानों को सिंचाई और खेती के लिए बिजली का बिल नहीं देना होगा। हालांकि इसको लेकर जारी होने वाला शासनादेश अभी तक नहीं आया है। परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि प्रदेश के 13 लाख से ज्यादा खेती करने वाले उपभोक्ता अभी शासनादेश का इंतजार कर रहे हैं। उसके आए बिना किसी भी आदेश का कोई महत्व नहीं है।

अभी मौजूदा समय यूपी सरकार की तरफ से बिजली के लिए हर साल करीब 10 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जाती है। पावर कॉर्पोरेशन के घाटे पर बिजली कंपनियों का पैसा यूपी सरकार देती है।

ओटीएस व्यवस्था भी नहीं लागू हुई
अवधेश वर्मा ने कहा कि सीएम ने ओटीएस व्यवस्था लागू करने की बात कही थी वह आदेश भी जारी नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि सीएम ओटीएस की बात कर रहें दूसरी तरफ ऊर्जा मंत्री बजाओ घंटी अभियान शुरू कर रहे हैं। ऐसे में उपभोक्ता संशय में है कि पहले ओटीएस का इंतजार करे या बजाओ घंटी अभियान से डरकर बिजली का बिल जमा करे। ऐसे में स्थिति को स्पष्ट करना चाहिए। प्रदेश के घरेलू उपभोक्ताओं पर करीब 45 हजार करोड़ रुपए बिजली बिल बकाया है।