(www.arya-tv.com) कानपुर के गौरवमयी इतिहास को दर्शाने के लिए शहर के सेंट्रल स्टेशन पर खास प्रतिमाओं को स्थापित कराया गया था। इतिहास को दर्शाने वाली यह प्रतिमाएं मिट्टी में मिला दी गईं, जो सड़क पर औंधे मुंह पड़ी हुई हैं। सामाजिक संस्था के द्वारा इन्हें सेंट्रल स्टेशन सिटी साइड घंटाघर की तरफ साल 2018 में लगवाया गया था।
इन प्रतिमाओं को प्रदर्शित करने का उद्देश्य था, कि कानपुर आने वाले लोग कानपुर के ऐसे लोगों के बारे में जाने, जिन्होंने ऐतिहासिक काम किए हैं। पीपीपी मॉडल से मूर्तियां लगवाने के लिए रेलवे ने भूमि उपलब्ध कराई थी। लेकिन अब इसी स्थान पर मेट्रो अंडर पास का काम किया जा रहा है, जिसकी वजह से इन्हें हटा दिया गया है।
कानपुर के गौरवमयी ऐतिहासिक सफर में कई नाम जिन्हें कोई भुला नहीं सकता। इनमें चंद्रशेखर आजाद, हसरत मोहनी और कर्ण की मूर्तियां कानपुर सेंट्रल के सिटी साइड पर सुखधाम उद्यान बनाकर साल 2018 में परिवर्तन नाम की सामाजिक संस्था ने लगवाई थी। लेकिन इन प्रतिमाओं को मेट्रो के निर्माणाधीन कार्य के चलते उजाड़ दिया। ऐसे में मेट्रो के अधिकारियों ने ऐतिहासिक प्रतिभाओं को तवज्जों भी नहीं दी। इन महापूर्वजों की प्रतिमा सड़क पर पड़ी हुई हैं।जानकारों का कहना है कि शहर की पहचान बनाने वाले इन महापूर्वजों के सम्मान में मेट्रो का काम शुरू होने से पहले इन मूर्तियों को कहीं और स्थापित करा देना चाहिए था। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। रेलवे के अधिकारी डिप्टी सीटीएम डॉ आशुतोष सिंह का कहना है कि इस स्थान पर मेट्रो का अंडर पास का काम किया जा रहा है। इसलिए मूर्तियों को मेट्रो वालों ने ही हटवा दिया है।