(www.arya-tv.com) अपर निदेशक (स्वास्थ्य) कार्यालय में तैनात स्टेनो ओमप्रकाश यादव का घूस मांगने का मामला शासन में पहुंचा था। निदेशक प्रशासन (स्वास्थ्य) डॉ. राजा गणपति ने मामले को गंभीरता से लिया था और जांचकर मामले की रिपोर्ट तलब की थी। लेकिन, यहां तो एडी हेल्थ डॉ. केके वर्मा अपने स्टेनो को बचाने के प्रयास में लग गए। स्वास्थ्य विभाग के ही अपने एक मातहत से जांच पूरी करा ली और जांच के नाम पर महज आरोपी स्टेनो से ही पूछताछ कर रिपोर्ट तैयार कर ली गई। जबकि दूसरे पक्ष यानी शिकायकर्ताओं को इसकी भनक तक नहीं लगने दी गई।
इसकी शिकायत की उनसे जांच अधिकारी ने कोई बयान नहीं लिया। ऐसे में जांच प्रक्रिया ही सवालों के घेरे में आ गया। जांच करने वाले अधिकारी ने बताया कि हमने रिश्वत मांगने के प्रकरण में हमने स्टेनो का पक्ष रखा है। शिकायतकर्ताओं तक हम नहीं पहुंच सके। इस संबंध में एडी हेल्थ डॉ. केके वर्मा ने बताया कि हमने जांच करा ली है और इसकी रिपोर्ट निदेशक प्रशासन को भी भेज दी है।
अपने ही नीचे के अधिकारी से कराई जांच
पिछले दिनाें एडी हेल्थ के स्टेनो ओमप्रकाश यादव पर घूस मांगने का मामला उठा था। इसकी शिकायत उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के साथ साथ निदेशक प्रशासन (स्वास्थ्य) डॉ. राजा गणपति आर. तक पहुंचा था। ब्रजेश पाठक के निर्देशन में राजा गणपति ने एडी हेल्थ प्रयागराज को जांच के लिए कहा था। इसमें एडी हेल्थ समेत अन्य अधिकारियों की संलिप्तता की शिकायत हुई थी। अब सवाल यह उठता है कि एडी ने अपने ही मातहत से जांच करा ली, जांच कमेटी के नाम पर महज एक लोग को शामिल किया गया था, जबकि इसमें 2-3 लोगों की कमेटी होनी चाहिए थी।
जांच अधिकारी ने जांच के नाम पर एडी हेल्थ के सामने ही उनके स्टेनो से उसका पक्ष जाना और रिपोर्ट बनाकर एडी हेल्थ को सौंप दिया। शिकायकर्ताओं को जब इसकी जानकारी हुई तो इसकी शिकायत डॉ. राजा गणपति से की। मांग की है जांच में अन्य विभागों के अधिकारियों को भी शामिल किया जाए ताकि निष्पक्ष जांच हो सके।