(www.arya-tv.com) भारत के साथ-साथ चक्रवाती तूफान बिपरजॉय को लेकर पाकिस्तान के तटीय क्षेत्रों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। एक हफ्ते तक अरब सागर में रहने के बाद ये चक्रवात आज शाम तक पाकिस्तान के सिंध प्रांत में केटी बंदर से टकराया । पाकिस्तान की नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने कहा है कि चक्रवाती तूफान अभी केटी बंदर से 155 किलोमीटर की दूरी पर है।
हवाएं 140 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलेंगी। समुद्र में 30 फीट तक की लहरें उठ सकती हैं। चक्रवात से जुड़े सभी खतरों को देखते हुए सरकार ने हाई रिस्क इलाकों से 72 हजार लोगों को निकाला है। अस्पतालों को अलर्ट पर रहने को कहा गया है। स्कूल और सरकारी दफ्तरों को रिलीफ सेंटर बनाया गया है।
पाकिस्तान का सिंध इलाका सबसे ज्यादा प्रभावित
पाकिस्तान की न्यूज वेबसाइट ‘डॉन’ के मुताबिक बिपरजॉय से सिंध प्रांत सबसे ज्यादा प्रभावित है। इसके 3 जिलों थाट्टा, सुजावल, बादिन में 44 रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। इन तीनों जिलों की 82% आबादी सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट कर दी गई है। सेना को अगले 72 घंटों के लिए हाई अलर्ट पर रखा गया है।
पर्यावरण मंत्री शेरी रहमान ने बताया है कि कई लोगों को उनके रिश्तेदारों के घर जाने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि लोगों को तब तक वापस नहीं लौटने को कहा गया है जब तक प्रशासन की ओर से हरी झंडी न मिले। शेरी रहमान ने लोगों से घरों पर लगे सोलर पैनल बचाने की अपील भी की है। पर्यावरण मंत्री शेरी रहमान ने एक और चक्रवात के खतरे की संभवना भी जताई है। उन्होंने कहा- मुझे चेताया गया है कि पाकिस्तान में जुलाई में एक और चक्रवात आ सकता है।
चक्रवात क्या होते हैं और ये बनते कैसे हैं?
साइक्लोन शब्द ग्रीक भाषा के साइक्लोस (Cyclos) से लिया गया है, जिसका अर्थ है सांप की कुंडलियां। इसे ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में ट्रॉपिकल साइक्लोन समुद्र में कुंडली मारे सांपों की तरह दिखाई देते हैं।
चक्रवात एक गोलाकार तूफान (सर्कुलर स्टॉर्म) होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं। जब ये चक्रवात जमीन पर पहुंचते हैं, तो अपने साथ भारी बारिश और तेज हवाएं लेकर आते हैं। ये हवाएं उनके रास्ते में आने वाले पेड़ों, गाड़ियों और कई बार तो घरों को भी तबाह कर सकती हैं।