पत्नी से हाथापाई में लगी थी भाजपा नेता को गोली:सीने में गोली लगने से हुई थी मौत

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(www.arya-tv.com)मेरठ में भाजपा नेता निशांक गर्ग की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। पत्नी सोनिया ने पूछताछ में यह बात कही है कि हाथापाई के दौरान निशांक को गोली लगने से मौत हुई है। इधर, निशांक के बड़े भाई गौरव गोयल ने कंकरखेड़ा थाने में सोनिया पर गैर-इरादतन हत्या की FIR दर्ज कराई है। पुलिस ने पूछताछ के बाद सोनिया को आशा ज्योति केंद्र भेज दिया है।

SP सिटी पीयूष कुमार ने बताया कि पूछताछ में सामने आया है कि पति, पत्नी में हाथापाई के दौरान गोली चली। गोली निशांक को लगने से उसकी मौत हो गई। तथ्यों के आधार पर मामले की जांच की जा रही है। निशांक भाजपा युवा मोर्चा के क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी थे।

शनिवार सुबह निशांक का शव उनके गोविंदपुरी कालोनी स्थित कमरे में बेड पर मिला था। सीने में गोली लगी थी। वह पत्नी सोनिया (34), बेटे विधान (7) और बेटी काश्वी (5) के साथ रहते थे। इस केस में पत्नी की भूमिका शुरू से ही संदेह के घेरे में थी।

पत्नी ने पूछताछ में किए कई चौंकाने वाले खुलासे
पत्नी सोनिया ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। सोनिया ने बताया कि रात को शराब के नशे में निशांक ने उसे पीटा। पति, पत्नी में जमकर बहसबाजी, मारपीट हुई। मारपीट और हाथापाई में निशांक ने सोनिया को जान से मारने की धमकी देते हुए तमंचा निकाल लिया। हाथापाई में गोली चली और निशांक को लग गई।

घटनाक्रम के बाद सोनिया दोनों बच्चों को साथ लेकर आधी रात स्कूटी से अपने मायके अशोकपुरी चली जाती है। यह CCTV में कैद हुआ है। सुबह फिर घर आती दिख रही है। जेठ गौरव उर्फ रिंकू को फोन पर गोली लगने की बात बताती है। वहीं, पुलिस को मौके पर तमंचा बेड पर नहीं मिला था। तब सोनिया ने अलमारी से तमंचा निकालकर पुलिस को दिया था।

इसी बात पर पुलिस को शक हुआ था कि तमंचा अलमारी तक कैसे पहुंच गया। बाथरूम में खून सने कपड़े टब में भीगे हुए हुए थे। सोनिया ने पूछताछ में बताया था कि उसने डर के मारे तमंचा अलमारी में छिपा दिया था। जबकि कपड़ों को पानी में भिगो दिया था।

पत्नी सोनी ने कहा,”निशांक शुक्रवार शाम 6 बजे घर आए थे। वो नशे में थे। इसी बात को लेकर हमारी लड़ाई हुई। उन्होंने मेरे साथ मारपीट की। मेरे बाल काट दिए। मेरे सिर पर चोट लगी। निशांक ने गुस्से में बेड के साइड की ड्रार से तमंचा निकाल ली। वो बहुत गुस्से में थे। परेशान होकर मैं रात 3 बजे अपने मायके अशोकपुरी चली गई।”

सोनी ने कहा,”फिर सुबह 6.30 बजे में अपने जेठ के घर पहुंची। उन्हें पूरी बात बताई। सोचा कि निशांक का गुस्सा शांत हो गया होगा। मैं अपने जेठ के साथ घर वापस लौटी। बाहर के मेन दरवाजे पर ताला लगा गई थी। दरवाजा खोलकर कमरे में आए तो बेड पर निशांत लेटे थे। उन्हें हिलाया-डुलाया, लेकिन वो नहीं उठे। बगल में तमंचा पड़ा था, कुछ दूरी मोबाइल। मैंने तमंचा उठाकर ड्रार में रख दी। मोबाइल अपने पास रख लिया। मैं निशांत को आवाज देती रही। वो उठे नहीं, तो मैं घबरा गई। फिर उनकी मौत का पता चला।”