(www.arya-tv.com) अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में कल यानी गुरुवार से नक्काशीदार पत्थर लगाए जाएंगे। ट्रस्ट ने CM योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को भी आमंत्रित किया है। वैदिक मंत्रोच्चार और पूजा-पाठ के बीच सुबह 9 बजे से पत्थरों को जोड़ने का काम शुरू होगा। ट्रस्ट की ओर से महासचिव चंपत राय ने पत्र भेजकर संतों को भी आमंत्रित किया है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की आज यानी बुधवार को बैठक चल रही है।
राम मंदिर में गर्भगृह समेत ग्राउंड फ्लोर का 85% काम पूरा हो चुका है। मंदिर में फिनिशिंग के साथ खिड़की, दरवाजे और अचल मूर्ति के निर्माण को लेकर चर्चा चल रही है। अचल मूर्ति का तात्पर्य है कि एक स्थान पर स्थिर होती है। उसे हटाया नहीं जा सकता। वहीं दूसरी चल मूर्ति या उत्सव मूर्ति होती है। इसे किसी पूजा उत्सव में गर्भगृह से बाहर निकाल सकते हैं। बैठक में भवन निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि, कामेश्वर चौपाल समेत कई अहम लोग शामिल हैं।
मूर्ति निर्माण कार्यशाला और राम जन्मभूमि पथ का निरीक्षण
इससे पहले मंगलवार और बुधवार को राम मंदिर भवन निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक हुई थी। बैठक के बाद समिति ने मूर्ति निर्माण कार्यशाला और राम जन्मभूमि पथ का निरीक्षण किया। श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि भगवान रामलला के विराजमान होने के बाद सेकेंड फ्लोर का निर्माण होता रहे और श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो, इसको लेकर ट्रायल किया गया। इसके अलावा निषादराज, शबरी, अहिल्या, वाल्मीकि, वशिष्ठ की मूर्ति बनाए जाने को लेकर मंथन हुआ था।
मैसूर से आए पत्थरों से बनाई जा रही प्रतिमा
चंपत राय ने बताया कि ग्राउंड फ्लोर तैयार होने के बाद मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। दिसंबर तक मंदिर को फाइनल टच दिया जाएगा। रामलला की प्रतिमा 51 इंच होगी। कर्नाटक के मैसूर से आए दो पत्थरों से प्रतिमा बनाई जा रही है। रामलला की एक अन्य मूर्ति राजस्थान के मकराना मार्बल से बनाई जा रही है। मूर्तिकार अरुण योगीराज अपनी पसंद का पत्थर कर्नाटक से लेकर आए हैं। राम मंदिर में दो पत्थरों को आपस में जोड़ने के लिए तांबे की पत्ती का इस्तेमाल किया जा रहा है। मंदिर में फसाद लाइट भी लगाई जाएंगी।