(www.arya-tv.com) IIT-BHU में अगले सत्र से हिंदी की 5 किताबें कोर्स के साथ जोड़ी जाएंगी। इसमें एक किताब हर कोर्स यानी कि B-Tech, MTech, IDD और फार्मेसी आदि सभी के लिए कंपलसरी होगी। इसे पहले सेमेस्टर में हर हाल में पढ़ने के साथ पेपर भी पास करना होगा। इस किताब का नाम है ‘भारतीय विज्ञान का इतिहास’। किताबें अभी लिखी जा रही है।
अगले सत्र तक कोर्स करिकुलम में जुड़कर आ सकता है। IIT-BHU स्थित राजभाषा समिति के सदस्य प्रो. सुशांत श्रीवास्तव ने बातचीत में कहा कि संस्थान के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने निर्देश दिया है कि हिंदी के आसान शब्दों को चुन-चुनकर किताब लिखी जाए। यानी कि इंजीनियरिंग शब्द को अभियांत्रिकी नहीं, बल्कि इंजीनियरिंग ही रहने दिया जाए। ‘भारतीय विज्ञान का इतिहास’ किताब में आर्यभट्ट के उपग्रह प्रक्षेपण से लेकर सुश्रुत की सर्जरी की विधियां बताई जाएं। प्रो. श्रीवास्तव ने कहा कि विज्ञान भारत में कब जन्मा, क्या लीगेसी है और क्या विरासत यह सब कुछ टेक्नोक्रेट्स को पढ़ाया जाएगा।
तमिल प्रोफेसर के विभाग में जारी हिंदी मैनुअल
इसी कड़ी में IIT-BHU स्थित फार्मास्युटिकल इंजीनियरिंग विभाग के लैब का हिंदी मैन्युअल भी जारी कर दिया गया है। संस्थान का यह पहला विभाग है जहां पर हिंदी में लैब मैनुअल जारी किए गए हैं। यहां की विभागाध्यक्ष प्रो. शिवा हेमलता तमिल भाषी हैं, मगर यहां आपको लैब्रोरेट्री से जुड़ी टर्मिनोलॉजी हिंदी और इंग्लिश दोनों में देखने-पढ़ने को मिलेंगी। जैसे कि टेस्ट ट्यूब को ‘परखनली चिमटी’, हीट कॉगुलेशन टेस्ट को ‘तापीय जमाव परीक्षण’ कह सकते हैं। वहीं, लैब में जो भी परीक्षण करने हैं, उन सबकी विधियां सरल हिंदी में बताईं गईं हैं। टेस्ट, ऑब्जर्वेशन और निष्कर्ष तीनों हिंदी में।
तैयार हो रहा तकनीकी शब्दकोष
प्रो. श्रीवास्तव ने कहा कि राजभाषा समिति एक तकनीकी शब्दकोष तैयार कर रहा है। हम किसी नए शब्द की रचना नहीं कर रहे हैं। हमारे पास 8-9 लाख शब्द भी हो सकते हैं। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर इंजीनियरिंग, मेटलर्जी आदि विधाओं के तकनीकी शब्दों को लोकप्रिय और सरल हिंदी में रूपांतरण किया जा रहा है। जून के दूसरे सप्ताह में राजभाषा की बैठक में इस शब्दकोष को रखा जाएगा, उसके बाद पता चल सकेगा कि कितने शब्दों का कोष तैयार हुआ है और शब्द कौन-कौन से हैं। इन शब्दों के हिसाब से नए सेंटेंस गढ़ सकते हैं। जैसे कि हम कह सकते हैं, “यंत्रों के समुच्चय को मशीन कहते हैं।”