(www.arya-tv.com) विकास के सवालों को छोड़कर विपक्ष ने अडाणी और राहुल गांधी के मुद्दे को देशभर में उछाल दिया। जिस वजह से संसद के दोनों सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिये गए। वहीं, देश में पीएम मोदी की डिग्री को लेकर तमाम सवाल सरकार से पूछे गए।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने 1 अप्रैल को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पीएम मोदी की डिग्री को लेकर सवाल उठाया था कि देश में पीएम पढ़े-लिखे होने चाहिए, क्योंकि उनको दिन में कई फैसले लेने होते हैं, नहीं तो अफसर गुमराह कर सकता है।
पीएम मोदी की डिग्री क्यों नहीं दिखाई जा रही
केजरीवाल ने इस दौरान यह भी कहा था कि प्रधानमंत्री की शिक्षा को लेकर लोगों का संशय और बढ़ गया है। प्रधानमंत्री की डिग्री क्यों नहीं दिखाई जा रही है। पूरे देश के सामने यह प्रश्न है। 21वीं सदी के भारत के सामने यह सवाल है।
केजरीवाल ने की हाई कोर्ट की अवहेलना
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि हाई कोर्ट के ऑर्डर ने प्रधानमंत्री के शिक्षा को लेकर और संशय बढ़ा दिया है। अगर डिग्री है और सही है तो दिखाई क्यों नहीं जा रही है, कुछ समय पहले अमित शाह ने एक डिग्री दिखाई थी। यह हो सकता है कि अहंकार में नहीं दिखा रहे हों। जनता के मन में दूसरा यह सवाल है कि हो सकता है डिग्री फर्जी हो। अगर प्रधानमंत्री दिल्ली या गुजरात यूनिवर्सिटी से पढ़े तो इन्हें तो सेलिब्रेट करना चाहिए। आज का सवाल यही है कि क्या 21वीं सदी के प्रधानमंत्री को पढ़ा लिखा नहीं होना चाहिए।
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इस के बाद तमाम विपक्ष के नेताओं ने पीएम की डिग्री को लेकर सवाल करना शुरू कर दिया। वहीं अब दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने जेल से देश के नाम पीएम मोदी को निशाने पर लेते हुए चिट्ठी लिखी है, इस चिट्ठी में उन्होंने लिखा है, प्रधानमंत्री का कम पढ़ा लिखा होना देश के लिए खतरनाक है। सिसोदिया ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी शिक्षा का महत्व नहीं समझते हैं और पिछले कुछ सालों में उन्होंने देशभर में 60 हजार स्कूल बंद किए गए हैं।
मनीष सिसोदिया ने जेल से देश के नाम लिखी चिट्ठी में पीएम मोदी की संवैधानिकता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने अपनी लिखी चिट्ठी में कहा है कि देश की तरक्की के लिए प्रधानमंत्री का पढ़ा लिखा होना जरूरी है। सिसोदिया ने अपनी चिट्ठी में लिखा, पीएम जब यह बात कहते हैं कि गंदी नाली से गैस निकाल कर चाय बनाई जा सकती है तब मेरा दिल बैठ जाता है।
सिसोदिया ने अपनी चिट्ठी में यह भी कहा है कि चूंकि देश के पीएम कम पढ़े लिखे हैं इसलिए दुनिया के राष्ट्राध्यक्ष उनको गले लगाकर न जाने कितने कागजों पर साइन करवा लेते हैं क्योंकि प्रधानमंत्री जी तो समझ ही नहीं पाते क्योंकि वो तो कम पढ़े-लिखे हैं।