(www.arya-tv.com) बरेलवी उलमा मौलाना शाहबुद्दीन रजवी ने रविवार को लव जिहाद के खिलाफ फतवा जारी किया। उन्होंने कहा- ऐसे युवक जो अपनी इस्लामिक पहचान छिपाकर दूसरे मजहब की लड़कियों से शादी करते हैं, वो इस्लाम के खिलाफ है। इस्लाम में सिंदूर लगाना, टीका लगाना, कड़ा और हाथ पर धागा बांधने की इजाजत नहीं है।
बरेली की दरगाह आला हजरत से जुड़े मुफ्ती मौलाना शाहबुद्दीन रजवी ने कहा- शरई रोशनी में पहचान छिपाकर की गई शादियों को नाजायज और हराम माना गया है। अल्लाह ताला ने कुरान शरीफ में इरशाद फरमाया कि ऐ मोमीनों गैर मुस्लिम औरतों से उस वक्त तक निकाह न करें, जब तक वह ईमान वाली न हो जाएं।
उन्होंने कहा- इस्लाम में टीका लगाने, जुन्नार बांधने, चोटी रखने वाले को शरीयत ने सख्ती के साथ गुनाहे कबीरा माना है। जो मुस्लिम लड़के अपनी इस्लामिक पहचान छिपाने की नीयत से और दूसरे मजहब की लड़कियों के साथ शादी करने की नीयत से यह प्रपंच रचते हैं, वो इस्लाम से निकल जाने के करीब हो जाते हैं।
इस्लाम के मानने वालों को हमेशा यह ख्याल रखना चाहिए कि इस्लाम ने उन्हें जीने का एक तरीका दिया है। जो काफी शानदार है, उनके मजहब ने मुसलमान जाहिर होने के लिए कुछ निशान व पहचान भी दी हुई हैं।
मौलाना रजवी ने बाबा रामदेव पर उठाए थे सवाल
आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष रजवी ने इसी साल 28 जनवरी को बाबा रामदेव पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि रामदेव रामलीला मैदान से महिलाओं के कपड़े पहनकर भागे। आज आतंकवाद को मजहब से जोड़ रहे। यह सरासर गलत और हकीकत के खिलाफ है। आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता।
आतंकवाद को धर्म से न जोड़ा जाए
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा था हमने मुस्लिम संगठनों द्वारा आतंकवादी गतिविधियों की हमेशा मुखालफत की है। उन्होंने कहा था कि डेनमार्क, स्वीडन आदि जगहों पर आतंकवादी गतिविधियां हिंदू और ईसाई मजहब के मानने वाले कर रहे हैं। तो क्या इनकी गतिविधियों की वजह से पूरे मजहब पर इल्जाम लगाना सही होगा।