- बाहरी सीए का नगर निगम के अभिलेखों की जांच पूर्णतय:नियमविरूद्ध
- सोमवार तक की कैश बनी थी फिर भी उसको स्वीकार नहीं किया गया
- मामले को सरकार व शासन द्वारा गंभीरता से लेना चाहिए
- नगर आयुक्त कुछ भी कर पाने में असमर्थ
(arya tv)माननीय मुख्यमंजी, नगर विकास मंत्री जी सोमवार को माननीय मेयर संयुक्ता भाटिया द्वारा अपने ही विभाग के लेखा विभाग में जो छापे मारी की गयी उसका नाम सर्जिकल स्ट्राइक दिया, क्या यह नाम शोभा देता है। सबसे निराशाजनक बात तो यह है कि मेयर द्वारा किसी बाहरी सीए को लेकर चले आना और वर्षों से काम कर रहे कर्मचारियों के कार्यों को गलत ठहराना बिल्कुल उचित नहीं है। जो भी माननीय मेयर द्वारा प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी गयी हैं उसमें एक भी सही नहीं हैं क्यों नगर की कैश बुक सोमवार के दिन तक की सही व तैयार स्थित में हैं। यह किस कारण से कहा जा रहा है इसकी पूरी बातें माननीय मेयर महोदया ही बता सकती हैं। विपक्षी दल के पार्षद नाम न बताने की शर्त पर यह कह रहें हैं कि यह सिर्फ धन उगाही के लिए किया जा रहा है। निगम की कुछ बातों को आप के समक्ष रखना चाहता हूॅ।
1— नगर निगम के कुछ पार्षद चाहे व सत्ता दल के हो विरोधी दल के माननीय महापौर जी को गुमराह कर रहे हैं।
2— नगर निगम के सारे पार्षद विकास कार्यों पर 10 प्रतिशत कमीशन ले रहे हैं।
3— कुछ पार्षद अपने रिश्तेदारों के नाम पर स्वयं ठेकेदारी कर रहे हैं।
4—जब उन कार्यों का भुगतान नहीं होता जो नगर आयुक्त और मुख्यलेखाधिकारी पर भुगतान करने का दबाव डालते हैं।
5—इस बार के अधिकतर पार्षद जो मोटरसाइकिल पर सवार होकर चुनाव लड़े थे वे अब 50 लाख की गाड़ियों से नगर निगम आते हैं।
6— नगर निगम में ठेकेदारी के अलावा किसी भी कार्य में रूचि नहीं लेते हैं।
7—जबरदस्ती जर्नल हेड के कार्यों को करवाना चाहते हैं।
8—अपने वार्डों के टैक्स जमा करने के लिए कभी प्रयास नहीं करते हैं।
9—अधिकतर पार्षद द्वारा सिर्फ मेयर को गुमराह किया जा रहा है। जिसमें से सुनीता सिंघल एक हैं। इसके पीछे इनके पति पूर्व पार्षद का हाथ है।
10—पार्षद संविदा कर्मचारियों द्वारा अपने घरों का काम करवाते हैं।
11—पार्षदों द्वारा क्षेत्र का कभी भी भ्रमण नहीं किया जाता है।
इन बातों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमारे नगर निगम के पार्षद जन सेवा न करके अपनी ही धन सेवा में लगे हुए हैं।
सिर्फ पैसा कमाना ही इनका उद्देशय हैं जिसके लिए यह लोग योजनाबद्ध तरीके से मेयर को अपने पक्ष में गुमराह करके सिर्फ ठेकेदारी के नाम पर वसूली करना चाहते हैं
आज तक के नगर निगम का इतिहास रहा है कि किसी भी नगर विकास मंत्री को सम्मानित ढंग नाम लिया जाता है पार्षद सारी हदों को पार करके सिर्फ दलाली के कार्य में जुटे हैं और कमीशन के दम पर मौज कर रहें हैं।
कल की जो घटना हुई है वह इसी से जुड़ी हुई है वर्तमान में नगर आयुक्त पार्षदों के व्यवहार से पूर्णतया:क्षुब्ध हैं क्येांकि ईमानदार नगर आयुक्त बेइमान पार्षदों का चोरी में साथ नहीं दे रहे हैं।