(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश शीतलहर के प्रकोप में है। पारा लुढ़कने के साथ ठंड रिकॉर्ड तोड़ रही है। कोल्ड स्ट्रोक के खतरों के बीच कई जिलों में हार्ट अटैक से मौत की खबर सामने आ रही है। एक्सपर्ट्स बुजुर्गों और बच्चों को ज्यादा सतर्कता बरतने की नसीहत दे रहे हैं। पहले से गंभीर बीमारियों की चपेट में रहे लोगों को ब्रेन अटैक और हार्ट अटैक से बचने के लिए आगाह किया जा रहा हैं।
दैनिक भास्कर ने ठंड बढ़ने के साथ किन चीजों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत हैं और क्या-क्या सावधानियां जरूरी हैं। इसके लिए टॉप एक्सपर्ट् से बातचीत की।
ठंड बढ़ने के साथ कोल्ड स्ट्रोक की बढ़ी आशंका
SGPGI के न्यूरोलॉजी विभाग की डॉ. रुचिका टंडन कहती हैं कि ठंड में तेजी से इजाफा हुआ हैं इसलिए ज्यादा सतर्कता बरतने की जरूरत हैं। खास तौर पर 60 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों को सबसे ज्यादा अलर्ट रहना होगा। डायरेक्ट कोल्ड वेव के संपर्क में जाने से बचना होगा और पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े पहनना होगा।
इन बातों का रखें ध्यान
- अनकंट्रोल डायबिटीज वाले सतर्क रहें।
- हाई ब्लड प्रेशर वाले ज्यादा सचेत रहें।
- हार्ट कंप्लीकेशन्स या हृदय रोगियों को सचेत रहना जरूरी है।
- ओबेसिटी यानी मोटापा से ग्रस्त लोगों को भी सतर्क रहना है।
- लाइफ स्टाइल में ठंड को लेकर बदलाव करना जरूरी है।
- ठंड में जरूरी हो तभी निकलें और निकलते समय पर्याप्त गर्म कपड़े जरूर पहनें
ये सावधानी जरूर बरतें
- बंद कमरे में अंगीठी न जलाएं।
- ब्लोवर के डायरेक्ट सामने न आएं।
- रूम हीटर के प्रयोग में भी सावधानी बरतें।
- रातभर अंगीठी और रूम हीटर के प्रयोग से बचें।
- खानपान में लापरवाही न बरतें।
क्यों होता हैं ब्रेन स्ट्रोक
डॉ. रुचिका टंडन कहती हैं कि ब्रेन यानी मस्तिष्क के किसी भी हिस्से में ऑक्सीजन या ग्लूकोस की कमी से ब्रेन स्ट्रोक होता हैं। ब्रेन स्ट्रोक आने से आगे का ब्लड क्यों रुक जाता है आंखों आंखों की रोशनी चली जाती हैं। अचानक से मरीज अनकॉन्शियस यानी बेहोश हो जाता हैं। इन लक्षणों पर तत्काल बिना देरी करते हुए मरीज को अस्पताल ले जाने की जरूरत हैं।