लखनऊ में मनाया गया पीडियाट्रिक सर्जरी डे: SGPGI में पद्मश्री एस एन कुरील ने दिए टिप्स

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(www.arya-tv.com) लखनऊ के चिकित्सा संस्थानों में गुरुवार को पीडियाट्रिक सर्जरी डे मनाया गया। SGPGI में ‘योर पीडियाट्रिक सर्जन – सफेस्ट ऑप्शन फॉर चाइल्ड सर्जरी’ के विषय पर सेमिनार का आयोजन हुआ। इस दौरान पद्मश्री चिकित्सक डॉ. एसएन कुरील ने साइंस एंड आर्ट ऑफ रिपेयर पर टिप्स दिया।

गर्भावस्था में संजीदा रहकर काफी हद तक शिशुओं को जन्मजात बीमारियों से बचा सकते हैं। डॉक्टर की सलाह पर जांच और दवाओं का सेवन करें। आधुनिक जांच से गर्भ में पल रहे शिशु की मारियों का भी पता लगाया जा सकता है। यह जानकारी लोहिया संस्थान में पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के डॉ. श्रीकेश सिंह ने दी।

शहीद पथ स्थित मातृ शिशु एवं रेफरल हॉस्पिटल में गुरुवार को पीडियाट्रिक सर्जरी दिवस मनाया गया। डॉ. श्रीकेश सिंह ने कहा कि दो से 18 फीसदी बच्चे जन्मजात बीमारियों के साथ पैदा हो रहे हैं। सबसे ज्यादा हाईड्रोफिलस, न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट, ट्रेकियोइसोफेजियल फिस्टुला, मलद्वार का न बनाना और पेश से संबंधित बीमारी शामिल हैं। इनमें आठ से 10 फीसदी शिशुओं का ऑपरेशन करने की जरूरत पड़ती है। ऑपरेशन से काफी हद तक बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचा सकते हैं।

बच्चों के इलाज में पीडियाट्रिक सर्जन की भूमिका बढ़ती जा रही है। डॉक्टरों की सूझबूझ से बच्चे का जीवन बचाने में मदद मिल रही है। 15 वर्ष की उम्र तक के बच्चों में किसी भी तरह की परेशानी की सर्जरी सफलतापूर्वक की सकती है। सरकार की ओर से राष्ट्रीय बाल सुरक्षा का ऐप पर पढ़ें चलाया जा रहा है। योजना के तहत गंभीर बीमारी से पीड़ित बच्चा का ऑपरेशन कर मुफ्त इलाज मुहैया कराया जा सकता है। डॉ. श्रीकेश सिंह ने बताया कि वर्ष 2022 में 650 बच्चों के आपरेशन कर उन्हें बीमारी से निजात दिलाया जा चुका है।