अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा में भीड़ बढ़ी:हनुमान गुफा बैरियर पर कई श्रद्धालु बेहोश

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(www.arya-tv.com)  अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा कल रात से शुरू हो गई है। कल रात 1.38 बजे श्रद्धालुओं की भीड़ अचानक बढ़ गई। हनुमान गुफा बैरियर के पास दोनों तरफ से आ रही भीड़ इकट्‌ठा हो गई। इससे वहां कुछ देर के लिए हालात मुश्किल हो गए। कई बुजुर्ग श्रद्धालु बेहोश हो गए। इनमें 6 श्रद्धालुओं को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया है। वहीं लखनऊ के इंदिरानगर की रहने वाली एक महिला लापता है। प्रशासनिक अफसरों का अनुमान है कि परिक्रमा में करीब 20 लाख श्रद्धालु पहुंचे हैं।

नया घाट और वासुदेव घाट, दोनों तरफ की भीड़ अचानक बढ़ी

नया घाट बंधा तिराहे पर तैनात मेला मजिस्ट्रेट लक्ष्मण प्रसाद के मुताबिक, 14 कोसी परिक्रमा के दौरान रात 1:38 बजे हनुमान गुफा बैरियर के पास नयाघाट व वासुदेव घाट दोनों ओर से आ रही भीड़ इकट्ठा हो गई। इसे नियंत्रित करने में पुलिस के पसीने छूट गए। भीड़ ज्यादा के कारण कई लोग बेहोश हो गए। उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया।

लखनऊ के अशोक बोले- मेरी पत्नी लापता

लखनऊ के इंदिरा नगर में रहने वाले अशोक पांडे भी वहीं पर मौजूद थे। उन्होंने बताया,”इस घटना में 6 लोग बेहोश हो गए हैं। जबकि उनकी पत्नी लापता हैं। उन्होंने मेला नियंत्रण कक्ष में कई बार अनाउंसमेंट कराया। श्रीराम अस्पताल भी गए। मगर उनकी पत्नी का पता नहीं चल पाया।”

सुरक्षा के इंतजाम, 5 जोन में बांटा है एरिया
दरअसल, कोरोना काल के बाद होने वाली 14 कोसी परिक्रमा में इस बार 20 लाख श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं। 1 नवंबर को अक्षय नवमी के मुहूर्त पर रात 12 बजकर 47 मिनट पर परिक्रमा की शुरुआत हुई जो 2 नवंबर की रात 10 बजकर 30 मिनट पर अक्षय नवमी के साथ खत्म होगी।

भक्त अधिक होने से सुरक्षा के इंतजाम भी किए गए हैं। 48 किमी. लंबी इस परिक्रमा को जिला प्रशासन ने 5 जोन में बांटी है। पांचों में स्टैटिक मजिस्ट्रेट व पुलिस अधिकारी तैनात हैं। घाट जोन, नागेश्वर नाथ जोन, हनुमानगढ़ी जोन, कनक भवन जोन, यातायात एवं भीड़ नियंत्रण जोन बनाए गए हैं।

6 संवेदनशील स्थानों पर ड्रोन से हो रही निगरानी

14 कोसी परिक्रमा ड्रोन की निगरानी में हो रही है। 6 संवेदनशील स्थान चुने गए हैं। यही नहीं, श्रद्धालुओं के लिए परिक्रमा के दौरान आराम करने के लिए 20 जगह नगर निगम की ओर से विश्रामालय भी बनाए हैं। अब आपको इस परिक्रमा की महत्व बताते हैं।

अयोध्या की 14 कोसी परिक्रमा का पौराणिक महत्व है। इसमें देशभर के श्रद्धालु शामिल हुए हैं। इनमें अधिकांश नंगे पैर यह परिक्रमा कर रहे हैं। ऐसी मान्यता है कि अक्षय नवमी के दिन मुहूर्त में अयोध्या में 14 कोस की परिक्रमा किए जाने से जन्म जन्मांतर के बंधन से मुक्ति प्राप्त होती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।