इस्लामाबाद। कश्मीर को लेकर मानवाधिकार की दुहाई देने वाले पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है। बावजूद इसके पाक पीएम इमरान खान मौन हैं।
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक हिंदू प्रिंसिपल पर फर्जी ईश निंदा का केस लगाकर पहले उनकी पिटाई की गई फिर जेल भेज दिया गया। पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में एक हिंदू प्रिंसिपल के साथ पहले मारपीट की गई उसके बाद उसे जेल भेज दिया गया। इस घटना के बाद कट्टरपंथियों ने सिंध प्रांत में मंदिरों पर तोड़फोड़ की और नारेबाजी की है। इसके बाद से अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय दहशत में है।
बताया जा रहा है कि प्रिंसिपल पर ईश निंदा का फर्जी आरोप लगाया गया है। कट्टरपंथी स्कूल की एक नाबालिग छात्रा के बयान का हवाला देते हुए हिंदू प्रिंसिपल पर ईश निंदा का आरोप लगा रहे हैं। कट्टरपंथी नेता की शिकायत पर प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया गया है।
क्या होती है ईश निंदा
ईशनिंदा यानी ईश्वर की श्रद्धा, धार्मिक या पवित्र लोगों से सम्बंद्ध चीज़ें या धार्मिक रूप से अनुल्लंघनीय कार्य का अपमान या अवमानना को कहते हैं। विभिन्न देशों में ईशनिंदा से सम्बंधित क़ानून भी बने हुए हैं जिसके तहत अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी पूजा करने की चीज़ या जगह को नुक़सान या फिर धार्मिक सभा में व्यवधान डालता या कोई किसी की धार्मिक भावनाओं का अपमान बोलकर या लिखकर या कुछ दृश्यों से करता है तो वो भी ग़ैरक़ानूनी माना जाता है और इसके लिए निश्चित सज़ाओं का प्रावधान होता है।