ट्विटर पर खुली पोल, गोरखपुर के 22 थाने ‘खराब’:कैंट थाना सबसे लोकप्रिय

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(www.arya-tv.com)  गोरखपुर पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक मुहिम चलाई। ट्विटर पर थानों की वर्किंग को लेकर फीडबैक मांगा। ऐसे में गोरखपुर के 28 में से 22 थानों की लोकप्रियता बिल्कुल ही घट गई। गोरखपुर में सिर्फ 6 ऐसे पुलिस थाने हैं, जिन्हें पब्लिक पसंद कर रही है।

दरअसल, सभी थानों में पुलिस का सितंबर महीने की वर्किंग कैसी है, ये जानने के लिए 11 से 17 अक्टूबर तक पब्लिक का फीडबैक मांगा गया था। इसमें 22 थाने की पुलिस की पोल खुल गई। यहां के पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए पब्लिक ने इन थानों को खराब बताया है।

कैंट थाने पर जमकर बरसे वोट
ADG अखिल कुमार ने अब तो साफ भी कर दिया है कि पब्लिक अप्रुवल रेटिंग कम होने पर थानेदारों पर गाज गिरनी तय है। 22 थानों का सितंबर महीने का पब्लिक फीडबैक खराब रहा है। जबकि 6 थाने अपनी लाज बचाने में कामयाब रहे। इसमें कैंट थाने पर पब्लिक ने खूब प्यार लुटाया है।

पब्लिक की नजर में खराब 22 थाने
ट्विटर पर पोल करने के लिए पब्लिक को चार ऑप्शन अति उत्तम, उत्तम, साधारण और खराब में से एक पर वोट करना होता है। सितंबर महीने में 22 थानों के लिए सबसे अधिक पब्लिक ने लास्ट ऑप्शन यानी खराब को चुना है।

इनकी थानों की मिली खराब परफार्मेंस

थाना अतिउत्तम खराब
गीडा 15% 76%
रामगढ़ताल 37% 56%
तिवारीपुर 44% 51%
सिकरीगंज 46% 49%
सहजनवा 16% 76%
राजघाट 16% 77%
पीपीगंज 12% 80%
पिपराइच 23% 70%
महिला थाना 21% 72%
कोतवाली 11% 85%
खोराबार 27% 71%
खजनी 35% 56%
झंगहा 16% 79%
हरपुर बुदहट 45% 52%
गुलरिहा 13% 84%
गोरखनाथ 43% 53%
गोला 30% 63%
गगहा 45% 51%
चिलुआताल 10% 85%
चौरीचौरा 09% 87%
बेलीपार 13% 84%
बड़हलगंज 09% 82%

इन 6 थानों को पसंद करती है पब्लिक

थाना अति उत्तम खराब
कैंट 71% 25%
उरूवा बाजार 60% 37%
शाहपुर 66% 27%
कैंपियरगंज 49% 45%
बेलघाट 55% 42%
बांसगांव 50% 46%

अगस्त में भी 18 थानें मिले थे खराब
हालांकि, अगस्त महीने में गीडा, रामगढताल, ऊरूवा बाजार, सिकरीगंज, सहजनवां, राजघाट, पीपीगंज, पिपराइच, महिला थाना, कोतवाली, झंगहा, गुलरिहा, गोरखथान, गोला, गगहा, चिलुआताल, चौरीचौरा, बड़हलगंज थाने की रिपोर्ट टिवटर पर फिसड्डी साबित हुई थी।

पुलिस में हो रहा सुधार
ADG अखिल कुमार ने कहा, पब्लिक अप्रुवल सिस्टम पुलिस के प्रति जनता के विश्वास को बढ़ाने के लिए शुरू किया गया है। इससे पुलिस की कार्यप्रणाली में भी पहले से अधिक सुधार देखने को मिल रहा है। जो थाना पब्लिक अप्रुवल रेटिंग में पीछे रह रहा है। उसे अपनी रेटिंग सुधारनी होगी।