(www.arya-tv.com) इन दिनों नगर के आम नागरिक मुख्य मार्ग की खराब हालत काे लेकर परेशान हैं। सड़क के कारण जहां दुर्घटनाएं हो रही है, वहीं धूल, कंकड़ के कारण बीमारियां फैल रही हैं। नवरात्र के दौरान श्रद्धालुओं को परेशानी न हो, इसके चलते नगर परिषद ने समतली करण करवा दिया था लेकिन हालत अब बद से बदतर हो गए हैं । सबसे बड़ी परेशानी सड़क के दोनों ओर व्यापार कर रहे व्यापारियों को हो रही है । दीपावली के चलते व्यापारियों ने नया माल दुकानों में भरा है, लेकिन भारी वाहनों के निकलने पर धूल के गुबार उठ रहे हैं, जिससे नया सामान भी पुराना लग रहा है, जिसे लेने में ग्राहक भी आना-कानी कर रहे हैं, जिससे उनका व्यापार भी प्रभावित हो रहा है ।
नागरिकों ने बताया कि जैसे-तैसे सड़क के लिए लिए राशि स्वीकृत हुई तो अब अफसरों ने इसमें अड़ंगा लगा दिया है। हालत यह है कि सड़कों पर उभरे बड़े-बड़े गड्ढों के पेचवर्क के नाम पर खानापूर्ति कर रहे हैं । खस्ताहाल सड़कों पर सिसक रहे यातायात से सुहाना सफर की कल्पना सिर्फ ख्वाब बनकर रह गई है। पूर्व में कई बार नगर के जागरूक नागरिक वरिष्ठ स्तर पर अपनी बात पहुंचा चुके हैं, लेकिन अफसर गड्ढों की गिट्टी, चूरी से पुरवाकर खानापूर्ति कर लेते हैं ।
धनाश्री से सलैया तक का सफर भगवान भरोसे: वाहन निकलने के दौरान उड़ने वाली धूल के कारण आंखों में जलन , श्वास , दमा की मरीजों की संख्या बढ़ रही है बता दें कि नगर के मध्य गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग जिसका कि वह हिस्सा जोकि धनाश्री से सलैया तक पूर्व से ही क्षतिग्रस्त हो चुका था । इस मार्ग पर इतने बड़े-बड़े गड्ढे हो गए थे कि मोटरसाइकिल चालक सहित छोटे वाहन चालक यहां से निकलने के साथ ही चोटिल हो रहे थे । ऐसी स्थिति में अब वाहन चालकों ने भोपाल जबलपुर जाने के लिए मार्ग बदल दिया है ऐसी स्थिति में वाहन चालक पिपरिया मार्ग से बाईपास होते हुए भोपाल जबलपुर की ओर आवागमन कर रहे हैं।
सरकारी बैठकों में हर बार उठता है मुद्दा: जब भी सड़क सुरक्षा समिति और शांति समिति की बैठक होती है, तब नगर के गणमान्य नागरिक लगातार सड़क निर्माण की मांग उठाते हैं, लेकिन अफसर हर बार आश्वासन देते हैं,लेकिन अभी तक सड़क निर्माण करवाने को लेकर ठोस कदम नहीं उठा रहे है । नए बायपास बनने के बाद तो नगर के मुख्य मार्ग से आवागमन करना किसी खतरे से कम नहीं है । आए दिन यहां पर दुर्घटनाएं हो रही है तो वहीं धूल के कारण श्वांस, दमा और खांसी के मरीजों में भी इजाफा होने लगा है । यही स्थिति रही तो आने वाले समय में नागरिकों के आक्रोश का शिकार जनप्रतिनिधि और अफसरों को होना पड़ सकता है ।