शादी की शर्त पर जमानत:हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने कहा : 15 दिन के अंदर शादी करे रजिस्टर

# ## Lucknow

(www.arya-tv.com)  दुष्कर्म, पास्को एक्ट के मामले में इलाहाबाद की हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने आरोपी को रिहाई के 15 दिन के अंदर पीड़िता से शादी करने और उसकी बच्ची को स्वीकारते हुए पुत्री का दर्जा देने की शर्त पर जमानत दी। हाईकोर्ट ने कहा कि जेल से बाहर आने के बाद हर हाल में दुष्कर्म पीड़िता से आरोपी 15 दिन के अंदर शादी रजिस्टर्ड करें और बेटी को पुत्री का दर्जा दें। जमानत देते हुए 4 शर्ते भी हाईकोर्ट ने लागू की है। यह पूरा मामला लखीमपुर खीरी के नीमगांव थाने से संबंधित है।

यह शर्ते जमानत में शामिल

  • निचली अदालत में आरोपी को हर सुनवाई पर जरूर पेश होना होगा।
  • अदालत की कार्यवाही डालने की कोशिश नहीं की जा सकेगी।
  • जमानत की समय सीमा में किसी भी शब्द का दुरुपयोग नहीं किया जा सकेगा।
  • किसी शर्त के दुरुपयोग पर आरोपी की संपत्ति जप्त की जा सकेगी।

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में और क्या कहा

  • हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपने फैसले में यह भी कहा कि आरोपी शादी पूरी होने के तारीख से 1 माह के समय के अंदर उपयुक्त अधिकारी के समक्ष अपनी शादी को रजिस्टर्ड कराएं।
  • शादी के बाद आरोपी पीड़िता और उसकी बच्ची को बतौर पत्नी और बेटी सभी अधिकार देगा जिसकी वह हकदार हैं।
  • न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने यह आदेश नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी की जमानत अर्जी भर दिया है।

पीड़िता और उसके पिता ने हाईकोर्ट में कहा था शादी करे तो कोई आपत्ति नहीं

यह पूरा मामला लखीमपुर खीरी जिले के नीमगांव थाने का है। बीते 10 अक्टूबर को पीड़िता अपने पिता के साथ कोर्ट में पेश हुई थी। दोनों ने कोर्ट के सामने या कहा अगर आरोपी हिंदू रीति रिवाज के साथ फिर तरसे विवाह करें और उस विवाह को रजिस्टर्ड कराएं तो उन्हें आरोपी को जमानत देने पर रिया के जाने पर कोई आपत्ति नहीं है। आरोपी के खिलाफ पीड़िता को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने दुष्कर्म करने समेत पासपोर्ट के मामले दर्ज है। पीड़िता की आयु 17 वर्ष पाया गया है। वारदात के बाद उसने बच्ची को भी जन्म दिया।

जमानत याचिका दाखिल करते हुए कहा कि आरोपी शादी के लिए तैयार

हाई कोर्ट के आदेश पर आरोपी की ओर से बताया गया कि वह पीड़िता से शादी के लिए तैयार है जैसा कि वह जेल से निकलेगा वह शादी करेगा और उसे रजिस्टर्ड भी कराएगा इस पर कोर्ट ने पीड़िता और उसके पिता के बयान समेत इस इन तत्वों के मध्य अगर पीड़िता ने एक बच्ची को जन्म दिया है।

मामले की मेरिट पर कोई राय व्यक्त किए बगैर इसे जमानत मंजूर किए जाने का उचित केस करार दिया। साथ ही 5 शर्तों के साथ आरोपी को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। आरोपी पर निचली अदालत में सभी मुकदमे चलते रहेंगे।