PM ने तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई:अहमदाबाद मेट्रो की शुरुआत भी की

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(www.arya-tv.com) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के गुजरात दौरे पर हैं। शुक्रवार सुबह PM ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर स्टेशन पर गांधीनगर-मुंबई सेंट्रल वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह देश की तीसरी वंदे भारत ट्रेन है। प्रधानमंत्री ने गांधीनगर से कालूपुर तक नई ट्रेन में सफर भी किया। ट्रेन में उनके साथ रेलवे कर्मचारी, महिला उद्यमी और कई युवा भी मौजूद रहे। वंदे भारत और मेट्रो ट्रेन के शुभारंभ के बाद पीएम ने अपने संबोधन में कहा-

अहमदावादियों को मेरा सौ-सौ सलाम
वंदे भारत और मेट्रो ट्रेन के शुभारंभ के बाद PM ने कहा- मेरे अहमदावादियों, आपको सौ-सौ सलाम करता हूं, क्योंकि, अभी नवरात्र का त्योहार है और गुजरात में आप रात भर गरबा खेलते हैं। इसके बीच भी आप इतनी बड़ी संख्या में यहां मौजूद हैं। इतना बड़ा जनसैलाब मैंने अहमदाबाद में पहली बार देखा है। इसका मतलब है कि अहमदाबाद के लोग मेट्रो का महत्व अच्छी तरह से जानते हैं। इससे कितनी सारी समस्याएं खत्म होने वाली हैं। आटो में जाएं तो कितना पैसा लगता है। गर्मी लगती है, लेकिन मेट्रो में जाएं तो पैसों की बचत के साथ कई दिक्कतें भी खत्म। मैं अंदाजा लगा सकता हूं कि आप लोग मेट्रो को लेकर कितने खुश हैं।

मुख्यमंत्री रहते हुए देखा था मल्टी ट्रांसपोर्टेशन का सपना
उन्होंने आगे कहा कि यह सफर सिर्फ अहमदाबाद तक ही सीमित नहीं रहने वाला है। 21वीं सदी के भारत के सभी शहरों को नई गति मिलने वाली है। हमें बदलती हुई समय और जरूरतों के साथ शहरों के आधुनिक बनाना जरूरी है। गुजरात में जब मैं मुख्यमंत्री था तो मुझ पर नजर रखने वाली जमात को याद होगा कि वहुत वर्षो पहले हमने मल्टी ट्रांसपोर्टेशन को लेकर एक बड़ी समिट की थी, लेकिन केंद्र में दूसरी सरकार थी, तब मैं अपने सपने को पूरा कर नहीं कर सका। फिर जब आपने मुझे दिल्ली भेजा तो मैंने उस सपने को पूरा कर दिया।

यात्री सीधे मेट्रो स्टेशन तक पहुंच सकेंगे
आज मैंने वंदे भारत एक्सप्रेस के तेज रफ्तार सफर का अनुभव किया। ये सफर कुछ मिनटों का ही था, लेकिन मेरे लिए गर्व के क्षण थे। ये गुजरात की पहली वंदे भारत ट्रेन है। मैं कालूपुर मेट्रो स्टेशन से अहमदाबाद और फिर थलतेज पहुंचा। यानी कि इस ट्रेन से आने वाले बाहर के यात्री सीधे मेट्रो स्टेशन तक पहुंच सकते हैं। स्टेशन से उतरकर उन्हें ऑटो से मेट्रो तक जाने की जरूरत नहीं है।

वंदे भारत में हवाई जहाज से सौ गुना कम शोर होता है
इसका एक पहलू और भी है, जो आपको बताना चाहता हूं। मैं कोई गणितिज्ञ या वैज्ञानिक नहीं हूं। लेकिन, इस सफर के दौरान मैंने जो अनुभव किया, वह यह था कि हवाई जहाज में सफर करते समय जितनी आवाज आती है। वंदे भारत ट्रेन में वह आवाज सौ गुना कम हो जाती है। विमान में अगर बातचीत करनी हो तो काफी दिक्कत होती है। लेकिन मैं मेट्रो में आराम में बातचीत कर रहा था। इसका मतलब जो लोग हवाई जहाज के आदी हैं, उन्हें आवाज का मामला समझ आ गया तो पक्का है कि वे जहाज की जगह वंदे भरात ट्रेन से सफर करना पसंद करने लगेंगे।