FIR हुई तो राकेश सचान को जाना पड़ेगा जेल:आर्म्स एक्ट के मामले में सजा का आदेश लेकर कोर्ट से भागने का है मामला

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(www.arya-tv.com)  आर्म्स एक्ट के मामले में अगर भाजपा के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई तो उन्हें जेल जाना पड़ सकता है। क्योंकि कोर्ट से भागने का मामला गैरजमानतीय धाराओं का अपराध है। उनके मंत्री पद पर भी खतरा बढ़ गया है। कोर्ट का आदेश वायरल होने के बाद पुलिस अफसरों ने मंथन शुरू कर दिया है। वहीं, मंत्री का विरोधी खेमा कानपुर से लेकर हाईकोर्ट तक कार्रवाई कराने के लिए पैरवी में लगा है।

कानपुर कमिश्नरेट की कार्यशैली पर सवाल
आर्म्स एक्ट के मामले में 6 अगस्त को ACMM- 3 कोर्ट में भाजपा के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान की सुनवाई थी। कोर्ट ने दोषी करार दिया तो सजा सुनाने से पहले मंत्री सजा के आदेश की फाइल लेकर कोर्ट से भाग निकले थे। इसके बाद कोर्ट ने मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए आदेश दिया था। लेकिन सत्ता दबाव और मंत्री के रसूख के चलते एफआईआर दर्ज नहीं हुई। शहर में हर तरफ इसी बात की चर्चा है।

उधर मंत्री ने भले ही 8 अगस्त को कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। लेकिन अब कोर्ट का मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इससे एक बार फिर कानपुर पुलिस कमिश्नरेट की कार्यशैली पर सवाल खड़ा हो गया है। अगर कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया तो मामले में पुलिस ने अब तक एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की है। राकेश सचान का केस देख रहे अधिवक्ता के पैनल में शामिल एक सीनियर वकील ने नाम न छापने की शर्त पर अपनी राय दी।

वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना है कि कोर्ट से सजा के दस्तावेज लेकर भागने के मामला गैर जमानतीय धाराओं का अपराध है। अगर इस मामले में राकेश सचान के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई तो उनका जेल जाना तय है। भले ही उन्हें महज चंद घंटे के लिए क्यों न जाना पड़े।

मंत्रालय पर भी मंडरा रहा है खतरा
अगर कैबिनेट मिनिस्टर राकेश सचान के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई तो उनका मंत्री पद जाना तय है। क्यों कि क्या पुलिस एक मंत्री को अरेस्ट करके जेल भेजेगी। इस हालात में उनका मंत्री पद सरकार से खत्म किया जाएगा। इसके बाद पुलिस ने उन्हें जेल भेजेगी।

तो इसलिए फंस गया है मामला
कोर्ट से सजा का आदेश लेकर भागने के बाद जज ने मामले में एफआईआर दर्ज करने के लिए आदेश जारी किया था। जज ने पत्र में लिखा है कि अभियुक्त राकेश सचान कोर्ट से सजा का दस्तावेज लेकर फरार हो गए। अब पुलिस मामले में अगर एफआईआर दर्ज करती है तो उसमें एफआर नहीं लगा सकती है। क्योंकि जज ने जब अपने आदेश में कहा है कि राकेश सचान कोर्ट से भाग निकले तो पुलिस को मामले में चार्जशीट ही सबमिट करनी होगी।

कोर्ट का आदेश वायरल करने में वरिष्ठ अधिवक्ता चर्चा में
कैबिनेट मंत्री के खिलाफ एफआईआर का आदेश वाला पर्चा बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। कैबिनेट मंत्री राकेश सचान अपना केस देखने के लिए ठीक एक दिन पहले ही मामले की फाइल एक वरिष्ठ अधिवक्ता को दी थी। चर्चा है कि वरिष्ठ अधिवक्ता ने ही फाइल से कोर्ट का आदेश निकालकर वायरल कर दिया।

कुर्मी बिरादरी के नेता ही राकेश को गिराने में लगे
राकेश सचान के पीछे कोई और नहीं उनकी बिरादरी के नेता ही लगे हुए हैं। राकेश सचान ने विधानसभा चुनाव के चंद दिनों पहले भाजपा ज्वाइन की थी। इसके बाद चुनाव जीते और उन्हें कैबिनेट मंत्री बना दिया गया। जबकि उनकी बिरादरी के कानपुर में रहने वाले एक मंत्री जी का मंत्रालय चला गया। सरकारी नौकरी छोड़कर नेतागीरी में आए इंजीनियर साहब की महत्वाकांक्षाएं इतनी ज्यादा हैं कि वह कानपुर से अपनी बिरादरी के किसी दूसरे को आगे नहीं बढ़ना देना चाहते हैं। इसके अलावा अन्य पार्टी के लोग ही उनकी टांग खींचने में लगे हैं।