बेतुके बयानों से भारत के खिलाफ अपनी कुंठा दर्शाने वाले पाकिस्तान के विज्ञान और तकनीकी मंत्री फवाद चौधरी ने मंगवार दोपहर ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘कमेंटेटर्स से मुझे बताया कि भारत ने श्रीलंकाई खिलाड़ियों को धमकी दी है कि अगर उन्होंने पाकिस्तान दौरे से इनकार नहीं किया तो उन्हें IPL से बाहर कर दिया जाएगा। यह वास्तव में सस्ती रणनीति है। खेल से लेकर अंतरिक्ष तक यह एक ऐसी अंधराष्ट्रीयता है, जिसका हमें विरोध करना चाहिए, निंदा करनी चाहिए। भारतीय खेल प्राधिकरण की ओर से वाकई एक सस्ता कदम’।
दरअसल, श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने 27 सितंबर से शुरू हो रही छह मैचों की सीमित ओवरों की श्रृंखला के लिए पाकिस्तान जाने से इनकार कर दिया है। श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने बताया कि शुरुआती टीम में शामिल खिलाड़ियों को ए सुरक्षा इंतजामों की जानकारी दी गई, लेकिन 10 खिलाड़ियों ने इससे हटने का फैसला किया है। इनमें निरोशन डिकवेला, कुसल परेरा, धनंजय डी सिल्वा, थिसारा परेरा, अकिला धनंजय, लसिथ मलिंगा, एंजेलो मैथ्यूज, सुरंगा लकमल और दिनेश चंडीमल जैसे खिलाड़ी शामिल हैं।
हालांकि श्रीलंका के खेल मंत्री हेरिन फनार्डो ने पहले ही कहा था कि अधिकतर खिलाड़ियों के परिवारों ने सुरक्षा स्थिति को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि टीम के अधिकारी खिलाड़ियों से मुलाकात करेंगे और पाकिस्तान दौरे के लिए उन्हें समझाएंगे कि उन्हें वहां पर पूरी सुरक्षा दी जाएगी।
ये सभी खिलाड़ी 10 साल पहले पाकिस्तान में श्रीलंकाई टीम की बस पर हुए आतंकवादी हमले से अबतक दहशतजदा है। साल 2009 में पाकिस्तान दौरे पर गई लंकाई टीम की बस पर लाहौर में आतंकियों ने हमला कर दिया था, उस वक्त आतंकियों की गोलीबारी में महेला जयवर्धने, कुमार संगकारा को हल्की चोटें आईं थीं। साथ ही अजंता मेंडिस, समरवीरा और थरंगा परावितर्ना को बम फटने से निकलने वाले टुकड़ों से चोटें आईं थीं। तब से ही कोई भी देश पाकिस्तान में क्रिकेट दौरा करने से मना करता रहा है।
