(www.arya-tv.com)आगरा के चर्चित डॉक्टर दीप्ति अग्रवाल की मौत के मामले में सीबीआई ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट लगा दी है। सीबीआई जांच में अहम सुबूत मिले हैं। इसके बाद आरोपी पति डा. सुमित अग्रवाल, ससुर डा. एससी अग्रवाल व अन्य आरोपियों को राहत मिली है। जांच में पाया गया है कि जो सुसाइड नोट मिला था, वो डॉ. दीप्ति द्वारा ही लिखा गया था।
ये था पूरा मामला
आगरा के वरिष्ठ डॉक्टर एमसी अग्रवाल की पुत्रवधु डा. दीप्ति अग्रवाल 3 अगस्त 2020 को ताजगंज स्थित विभव वैली व्यू अपार्टमेंट में फंदे से लटकी मिली थीं। पति डा. सुमित अग्रवाल ने उन्हें फंदे से नीचे उतारा था। वो दीप्ति को लेकर प्रतापपुरा स्थित अपने हॉस्पिटल लेकर गए थे। दीप्ति के पिता डॉ. नरेश मंगला बेटी को इलाज के लिए फरीदाबाद ले गए थे। जहां छह अगस्त को दीप्ति की मौत हो गई थी। इस मामले में नरेश मंगला ने ताजगंज थाने में पति, ससुर, सास, जेठ-जेठानी के खिलाफ दहेज हत्या, उत्पीड़न, गर्भपात समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। ताजगंज पुलिस ने पति डॉ. सुमित अग्रवाल को जेल भेज दिया था।
23 जनवरी 2021 को सीबीआई जांच हुई शुरू
इस मामले में डॉ. दीप्ति के पिता नरेश मंगला ने सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई जांच के लिए याचिका दायर की। 17 दिसंबर 2020 को याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए। 23 जनवरी 2021 को सीबीआई की लखनऊ ब्रांच ने मुकदमे की विवेचना शुरू की। लंबी जांच के बाद 28 जून 2022 को सीबीआई न सुप्रीम कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट पेश की। इसकी एक प्रति आगरा के सीजेएम कोर्ट में भी दाखिल की गई है।
ऐसे मिली राहत
- सीबीआई ने अपनी जांच में पाया कि जो सुसाइड नोट मिला था, वो डॉ. दीप्ति की राइटिंग में था। सुसाइड नोट की जांच विधि विज्ञान प्रयोगशाला आगरा और सीएफएसएल दिल्ली में कराई गई। सुसाइड नोट में दीप्ति ने अपनी मौत का जिम्मेदार किसी को नहीं ठहराया था। इसके आधार पर ही दीप्ति के पति डॉ. सुमित को अंतरिम जमानत मिली थी।
- मोबाइल और लैपटॉप की जांच सीएफएसएल भोपाल में कराई गई। डॉ. दीप्ति ने तीन अगस्त को अपने ससुर डॉ. एमसी अग्रवाल को एक मैसेज भेजा था, जिसमें लिखा था माफ कर दीजिए।
- सीसीटीवी फुटेज और डीबीआर की जांच से साफ हुआ कि डॉ. सुमित किस समय घर में दाखिल हुए थे।
- जांच में पाया गया कि डॉ. दीप्ति की अलमारी में 12.22 लाख रुपए और 560 ग्राम सोने और हीरे के जेवरात मिले थे।