(www.arya-tv.com) लखनऊ के एक निजी अस्पताल के खिलाफ जिला प्रशासन के निर्देश पर स्वास्थ्य महकमे ने शिकंजा कसा है। मड़ियांव के हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर के संचालक के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने मुकदमा दर्ज कराने की बुधवार को तहरीर दी है। सदर एसडीएम को शिकायतकर्ता की जांच में अस्पताल संचालक दोषी मिला था। इस दौरान अस्पताल में कई खामियां मिलीं। मरीज के उपचार के दौरान अस्पताल संचालक ने खाते में रुपये लिये पर कोई बिल मरीज को नहीं दिया।
यह था पूरा मामला
पीड़ित वीरेन्द्र सेन सिंह बीते साल जनू में कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित हुए। वह राजधानी के मड़ियांव स्थित एक अस्पताल में भर्ती हुए। इलाज के नाम पर अस्पताल संचालक ने 11.50 लाख रुपए लिये लेकिन रसीद नहीं दी। इसकी शिकायत तत्कालीन कोविड कमाण्ड के प्रभारी व सीडीओ से की। सीडीओ ने मामले की जांच सदर एसडीएम प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी को सौंपी। एसडीएम की जांच में अस्पताल संचालक ने सिर्फ ढाई लाख रुपये लेने की बात स्वीकार की लेकिन शिकायतकर्ता द्वारा आरोपी अस्पताल के खाते में 10 लाख से अधिक रुपये ऑनलाइन भेजे गए। मरीज द्वारा जांच अधिकारी को इसका ब्योरा दिया गया। जिसके बारे में आरोपी डॉक्टर को जवाब नहीं दे पाया। इसके अलावा नॉन कोविड अस्पताल होते हुए भी बिना किसी सूचना के कोविड मरीजों का इलाज कर रहा था।
अब लिया जाएगा एक्शन
लखनऊ सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि एसडीएम की जांच में कोविड मरीज के उपचार करने वाले हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर के संचालक दोषी पाए गए। सीडीओ के निर्देश पर दोषी अस्पताल संचालक के खिलाफ FIR के लिए मड़ियांव थाने में बुधवार को तहरीर दी गई। अस्पताल के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी एक्शन लिया जाएगा।