वेदपाठ के साथ रामलला के ‘गर्भगृह’ का निर्माण शुरू:सीएम योगी हैं मौजूद

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(www.arya-tv.com) 500 साल तक चले विवाद के बाद बन रहे रामलला के मंदिर के गर्भगृह का शिलान्यास आज एक जून को है। दोपहर में गोरक्ष पीठ के महंत और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ इसका उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर स्वामी परमानंद सहित राम मंदिर आंदोलन से जुड़े 100 से ज्यादा संतों सहित 300 लोग इस ऐतिहासिक पल के गवाह बनेंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए अयोध्या पहुंच चुके हैं। उन्हें रिसीव करने के लिए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या राम कथा पार्क पहुंचे थे। यहां से पहले वह साढ़े नौ बजे हनुमानगढ़ी में दर्शन करने पहुंचे। वहां उन्होंने पूजा अर्चना की। इसके बाद राम जन्मभूमि के लिए रवाना हो गए।

राम मंदिर के निर्माण का साक्षी बनाना सौभाग्य की बात- डिप्टी सीएम केशव मौर्या

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस मौके पर कहा- देश के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण शुरू हुआ। पहले चरण के का काम राम जन्मभूमि परिसर में पूरा हो गया है। आज दूसरे चरण के क्रम में काम शुरू हुआ है। आज का दिन राम भक्तों के लिए है खुशी का दिन। राम भक्तों को शुभकामना। हनुमान जी की कृपा से सब काम हो रहा है। मैं सौभाग्यशाली हूं कि मंदिर निर्माण का साक्षी बन रहा हूं। राम मंदिर आंदोलन के सिपाही के तौर पर मुझे भी मिला है मौका।

तैयारी के लिए मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा अयोध्या पहुंच गए हैं। राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की टीम ने रामजन्मभूमि परिसर में तैयारियां पूरी कर ली हैं।कमिश्नर नवदीप रिनवा, जिलाधिकारी नीतिश कुमार और आईजी रेंज केपी सिंह के साथ एसएसपी अयोध्या शैलेश पांडेय ने रामजन्मभूमि परिसर में निरीक्षण किया है। उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर लगाए गए भव्य पंडाल सहित पूरे परिसर को देखा।

परिसर में भगवान वाल्मीकि, केवट, माता शबरी, जटायु के भी मंदिर बनेंगे

एक हजार साल से ज्यादा टिकने वाले राम मंदिर के प्रथम चरण में एक तीर्थ सुविधा केंद्र भी बनेगा। यह लगभग 25 हजार तीर्थ यात्रियों को आवश्यक सुविधाएं प्रदान करेगा। इसे पूरब दिशा में मंदिर पहुंचने के रास्ते के पास बनाया जाएगा। राम मंदिर के अलावा परिसर में वाल्मीकि, केवट, माता शबरी, जटायु, माता सीता, विघ्नेश्वर (गणेश) और शेषावतार (लक्ष्मण) के मंदिर बनाने की भी योजना है। कुल 70 एकड़ क्षेत्र के भीतर और परकोटा के बाहर मंदिर के आस-पास के क्षेत्र में निर्माण किया जाएगा।