(www.arya-tv.com) लखनऊ के SGPGI के डॉक्टरों ने समय रहते एक मरीज का किडनी ट्रांसप्लांट कर जान बचा ली। उसकी बॉडी में एक 21 साल के ब्रेन डेड युवक की किडनी ट्रांसप्लांट की गई। मरीज की हालत इस समय खतरे से बाहर है। उसे अभी डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया हैं।
9 मिनट में तय की 10 किलोमीटर की दूरी
बुधवार को ऑर्गन ले जाने के लिए शहर के दो चिकित्सा संस्थानों SGPGI और अपोलोमेडिक्स के बीच ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था। दोपहर में 12:45 बजे अपोलो अस्पताल के गेट नम्बर एक से पुलिस की दो मोबाइल वैन एम्बुलेंस से ऑर्गन लेकर पीजीआई के लिए रवाना हुई। एम्बुलेंस में पीजीआई के दो दो एक्सपर्ट भी थे। एम्बुलेंस पकरी पुल बाराविरवा होते हुए 12 बजकर 54 मिनट पर करीब 9 मिनट में SGPGI पहुंची।
रास्ते में पड़ने वाले सभी चौराहे पर तैनात यातायात कर्मियों को अलर्ट किया गया था। कोई अतिरिक्त फोर्स नहीं लगाई गई थी। आलमबाग टीआई अतुल कुमार ऑपरेशन को लीड कर रहे थे। उनके साथ कृष्णा नगर थाने की पुलिस भी थी। SGPGI में ऑर्गन पहुंचने के बाद यहां के डॉक्टरों ने एक 35 साल की महिला के शरीर में किडनी को ट्रांसप्लांट किया। तब जाकर उसकी जान बच पाई।
10 मई को हुई ब्रेनडेड युवक के बारें में पीजीआई के डॉक्टरों को हुई थी जानकारी
SGPGI लखनऊ के नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रभारी डॉ नारायण प्रसाद ने बताया कि अपोलोमेडिक्स में करीब 21 साल के ब्रेनडेड युवक से एक किडनी संस्थान के मरीज को मिलेगी। इसके लिए आज संस्थान से 2 सीनियर डॉक्टरों की अगुवाई में टीम निजी अस्पताल भेजी गई थी। अपोलोमेडिक्स में 21 साल के ब्रेन डेड युवक के बारें में पीजीआई के डॉक्टरों को कल ही पता चला था।
जैसे ही ऑर्गन डोनेशन के ऑप्शन होने की बात हमें मालूम पड़ी। रात भर क्रॉस मैचिंग की प्रक्रिया चली। किडनी ट्रांसप्लांट के लिए 4 संभावित मरीज में से 35 साल की एक महिला इस किडनी के लिए ज्यादा मेडिकली फिट पाई गई। उसका ही किडनी ट्रांसप्लांट किया जाएगा। ग्रीन कॉरिडोर के लिए स्थानीय पुलिस से भी मदद मांगी गई थी।
इससे पहल KGMU और SGPGI के बीच बनाया गया था ग्रीन कॉरिडोर
लखनऊ में निजी व सरकारी संस्थान के मध्य ग्रीन कॉरिडोर बनाने का यह पहला अवसर है। हालांकि इससे पूर्व KGMU से SGPGI के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया जा चुका है। बीते वर्ष लोहिया संस्थान के एक डॉक्टर को ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए जब साऊथ इंडिया ने बड़े निजी अस्पताल भेजा जाना था तब भी गोमतीनगर से एयरपोर्ट तक के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था।
9 मिनट में तय की दस किलोमीटर की दूरी
एडीसीपी यातायात अजय कुमार के मुताबिक पुलिस कमिश्नर के आदेश पर करीब 10 किमी. लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था। एम्बुलेंस ने 9 मिनट में अपोलोमेडिक्स अस्पताल से पीजीआई की दूरी तय की। इसके लिए पूरे रूट पर ट्रैफिक सिपाहियों को लगाया गया था। एम्बुलेंस को टीआई अतुल कुमार पायलेट कर रहे थे।