अस्सी-नमो घाट से श्रीकाशी विश्वनाथ धाम तक गंगा के रास्ते जांएगे श्रद्धालु:वाटर टैक्सी की ओपनिंग

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(www.arya-tv.com)  वाराणसी में दो सप्ताह के बाद वाटर टैक्सी की शुरुआत होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काशीवासियों और पर्यटकों को इस वाटर टैक्सी की सौगात दे सकते हैं। वाराणसी के कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने बताया कि नमो घाट और अस्सी घाट के बीच दो वाटर टैक्सियां चलाईं जाएंगी। ये डीजल इंजन से संचालित होंगी। दोनों टैक्सी नमो घाट और अस्सी घाट से श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार तक ही चलाईं जाएंगी। इस सफर के लिए गंगा राइडिंग के टिकट का रेट अभी तय किया जा रहा है। नाविकों, क्रूज और NDRF की बैठक बुलाई गई है। एक सप्ताह बाद टिकट के रेट तय हो जाएंगे।

कमिश्नर कौशल राज ने बताया कि वाराणसी में इस साल अक्टूबर-नवंबर से इलेक्ट्रिक बोट और अगले साल फरवरी मार्च तक हाइड्रोजन टैक्सी का संचालन होगा। हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाली यह भारत की पहली वाटर टैक्सी होगी। यह गुजरात के भावनगर से मंगाई गई है।

हाइड्रोजन टैक्सी का प्रति किलोमीटर किराया 15 रुपए

हाइड्रोजन वाटर टैक्सी पर हर एक किलोमीटर के लिए 15 रुपए देने होंगे। इसकी स्पीड मोटर बोट से थोड़ी ज्यादा और स्टीमर से कम होगी। रामनगर से नमो घाट के बीच में अस्सी घाट, दशाश्‍वमेध घाट और राजघाट में इसका स्टॉपेज बनाया गया है। एडिशनल म्‍यूनिसिपल कमिश्‍नर सुमित कुमार के अनुसार, वाटर टैक्सी के संचालन की जिम्‍मेदारी रोडवेज प्रबंधन को सौंपा गया है। वाटर टैक्सी के लिए गंगा किनारे 4 घाटों पर हाइड्रोजन स्टेशन और चार्जिंग प्वाइंट बनाने का सर्वे शुरू कर दिया गया है। नमो घाट, शिवाला घाट, रविदास घाट और ललिता घाट पर ये हाइड्रोजन स्टेशन बनाए जाएंगे।

काशी की सभी 84 घाटों से होकर गुजरेगी टैक्सी

वाराणसी में सड़क मार्ग द्वारा नमो घाट से रामनगर जाने में 2 से ज्यादा घंटे लग जाते हैं। मगर, वाटर टैक्सी से अब महज 30-40 मिनट में इस सफर को पूरा किया जा सकेगा। इस गंगा सफर में वाराणसी के सभी 84 घाट देखने को मिलेंगे। प्रमुख रूप से रविदास घाट, अस्सी घाट, गंगा महल घाट, रीवा घाट, तुलसी घाट, भदैनी घाट, जानकी घाट, जैन घाट, निषाद राज घाट, पंचकोट घाट, चेत सिंह घाट, शिवाला घाट, गुलेरिया घाट, हनुमान घाट, हरिश्चंद्र घाट, केदार घाट, चौकी घाट, मानसरोवर घाट, पांडेय घाट, राणा महल घाट, दशाश्वमेध, ललिता घाट (गंगा द्वार), मणिकर्णिका घाट, राजघाट और नमो घाट।