इसे कहते हैं पैशन! 82 की उम्र में कॉलेज में लिया एडमिशन, जानें क्या है माजरा

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(www.arya-tv.com) कहते हैं कुछ सीखने और कुछ कर जाने की ललक उमर को भी पीछे छोड़ देती है. जी हां, हम बात कर रहे हैं बलिया के जगदीश प्रसाद शर्मा की, जिन्होंने 82 वर्ष की उम्र में अपना कॉलेज में एडमिशन कराया है. उनका कहना है कि बचपन में मुझे संगीत से बड़ा लगाव था. तो वही मेरा लक्ष्य इंजीनियर बनने का भी था. मैं इंजीनियर भी बना 33 वर्ष नौकरी भी किया. उसके बाद मैंने अपने सपने को साकार करने के लिए संगीत विभाग में अपना एडमिशन कराया है. पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती. केवल उस विषय में मन और लगन की जरूरत होती है.

जगदीश प्रसाद शर्मा 82 वर्षीय ने कहा कि मुझे बचपन से ही संगीत से लगाव था. किन्हीं कारणोंवश मेरा मार्ग बदल गया. मैं नौकरी में चला गया लेकिन फिर आने के बाद अपने सपने को साकार करने के लिए मैं कॉलेज में एडमिशन कराया हूं. वैसे में पढ़ने का कोई उम्र नहीं होता है. जब जिस विषय से लगाव हुआ उस विषय में आदमी इतना डूब जाता है कि उम्र क्या बहुत कुछ भूल जाता है.

82 की उम्र में संगीत से अथाह प्रेम
जगदीश प्रसाद शर्मा जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत बहादुरपुर निवासी ने बताया कि मैं जिले के टी.डी कॉलेज में संचालित संगीत विभाग में संगीत का कोर्स कर रहा हूं. यह मेरा 6वां साल है. संगीत एक ऐसा माध्यम है, जो साहस देती है. परिवार में संगीत एकरूपता लाती है. बच्चों को संस्कार और संस्कृति देती है संगीत. हर इंसान को संगीत सीखना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि मेरा लगाव बचपन से ही संगीत से था और संगीत से ही मैं बलिया जिले का टॉपर रहा हूं. हर समय मैं पहले के जमाने में होने वाले अंताक्षरी का बादशाह रहता था.

संगीत ने ही रखा स्वस्थ
संगीत ही मुझे संस्कृति और जागृति दे रही है कि मैं 82 साल की उम्र में स्वस्थ चल रहा हूं. अंताक्षरी मेरे जीवन का अमूल्य भाग था. उसके साथ ही इंजीनियर बनने का लक्ष्य भी था. मैं डिप्लोमा इन मैकेनिकल सरकारी पॉलिटेक्निक से किया और मैं 33 साल सर्विस किया. मैं जूनियर इंजीनियर के पद पर था. अब रिटायर होने के बाद खाली समय बेकार न जाए. इसलिए मैं अपने सपने को साकार करने के उद्देश्य से संगीत का कोर्स कर रहा हूं.