78 दिनों में राष्ट्रपति का तीसरा यूपी दौरा:11 को प्रयागराज आएंगे

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(www.arya-tv.com) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 11 सितंबर को प्रयागराज आएंगे। 3 महीने के अंदर राष्ट्रपति का यह तीसरा यूपी का दौरा होगा। कुछ ही महीनों में उत्तर-प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। राष्ट्रपति का यह गृह प्रदेश भी है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ,कोच्चेरी रामण नारायणन (केआर नारायणन) के बाद देश के दूसरे दलित राष्ट्रपति भी हैं।

राजनीतिक विश्लेषक यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रपति के अपने गृह-प्रदेश की इन यात्राओं को प्रासंगिक बता रहें हैं। आइए हम आपको बताते हैं कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कितनी बार और कब-कब यूपी के दौरे किए हैं।

25 जून को प्रेसिडेंशियल ट्रेन से आए थे कानपुर

इस साल महामहिम का फोकस यूपी पर ज्यादा रहा। राष्ट्रपति 3 महीने में तीसरी बार यूपी दौरे पर आ रहे हैं। साल 2021 में सबसे पहले 25 जून को राष्ट्रपति सबसे पहले प्रेसिडेंशियल ट्रेन से कानपुर आए थे। इस दौरान पहली बार वो अपने गांव परौंख भी गए। करीब 63 घंटे कानपुर में बिताए। इसके बाद लखनऊ और फिर दिल्ली वापसी हुई। इसके एक महीने बाद दोबारा राष्ट्रपति 26 अगस्त को चार दिन के दौरे पर उत्तर-प्रदेश आए थे। इस दौरान राष्ट्रपति ने लखनऊ, गोरखपुर और अयोध्या का दौरा किया था। अयोध्या में कोविंद ने हनुमानगढ़ी में पूजा और रामलला के दर्शन भी किए थे।

राष्ट्रपति के डोमेस्टिक दौरों में सबसे ज्यादा यूपी की यात्रा

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उत्तर-प्रदेश के रहने वाले हैं। राष्ट्रपति की आधिकारिक वेबसाइट में दी गई जानकारी के मुताबिक रामनाथ कोविंद ने अपने चौथे साल में राष्ट्रपति के डोमेस्टिक विजिट में 13 राज्यों और 2 केंद्र शासित राज्यों का दौरा किया है। इस दौरे के दौरान राष्ट्रपति ने 2 बार आंध्रप्रदेश, 2 बार गुजरात और 2 बार यूपी का दौरा किया है। 11 सितंबर की प्रयागराज की यात्रा राष्ट्रपति की तीसरी यूपी यात्रा होगी। सबसे अहम यह है कि यह तीसरी यात्रा सिर्फ 3 माह के अंदर होगी।

पहले दौरे पर खुद को सामान्य बालक बताया… दूसरे दौरे में रामलला के दर्शन किए

27 जून को अपने पैतृक गांव परौंख पहुंचने पर राष्ट्रपति भावुक हो गए थे। अपनी मातृभूमि को नमन करने के बाद राष्ट्रपति ने कहा था कि “मैंने सपने में भी कभी कल्पना नहीं की थी कि गांव के मेरे जैसे एक सामान्य बालक को देश के सर्वोच्च पद के दायित्व-निर्वहन का सौभाग्य मिलेगा, लेकिन हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था ने ये करके दिखा दिया।”

इसके बाद अपनी दूसरी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति अयोध्या भी गए। 38 साल बाद यह किसी राष्ट्रपति का अयोध्या दौरा था। इतना ही नही अयोध्या में राष्ट्रपति ने परिवार संग रामलला के दर्शन किए, रुद्राक्ष का पौधा भी लगाया और बोले- राम के बिना अयोध्या की कल्पना संभव नहीं।

राष्ट्रपति ने राम के जरिए भेदभाव-मुक्त समाज का उदाहरण दिया

अयोध्या में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा था ‘रामायण में राम-भक्त शबरी का प्रसंग सामाजिक समरसता का अनुपम संदेश देता है। महान तपस्वी मतंग मुनि की शिष्या शबरी और प्रभु राम का मिलन, एक भेद-भाव-मुक्त समाज व प्रेम की दिव्यता का अद्भुत उदाहरण है। इतना ही नही निषादराज के साथ प्रभु राम का गले मिलना और उन दोनों का मार्मिक संवाद, समरसता, सौहार्द और प्रेम की उत्कृष्टता का अनुभव कराता है। अपने वनवास के दौरान प्रभु राम ने युद्ध करने के लिए अयोध्या और मिथिला से सेना नहीं मंगवाई। उन्होंने कोल-भील-वानर आदि को एकत्रित कर अपनी सेना का निर्माण किया।’