(www.arya-tv.com) लखनऊ. भिखारी यानि दीन-हीन. फटेहाल-मैला कुचैला हाथ फैलाए शख्स. लेकिन अपनी ये धारणा बदल दीजिए. जरूरी नहीं कि हर भिखारी ऐसा ही हो. कोई ऐसा भी हो सकता है जो हाथ तो फैलाए लेकिन लेने या मांगने के लिए नहीं बल्कि देने के लिए. हम आपको बता रहे हैं एक लखपति भिखारी के बारे में जिसके बारे में सुनकर आप भी कह उठेंगे हे भगवान!
आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के रहने वाले एक भिखारी ने यह छवि एक झटके में बदल दी. ये भिखारी नहीं लखपति हैं. इन्हें लोग इनके सरनेम यानि रेड्डी से जानते हैं. रेड्डी रिक्शा चलाकर अपना गुजारा करते थे. लेकिन उम्र ढली तो रिक्शा छोड़ कमंडल थाम लिया और भिक्षा मांगने लगे. विजवाड़ा के साई बाबा मंदिर को इन्होंने अपना ठिकाना बना लिया. बस सांई बाबा इन पर मेहरबान हो गए.
अब तक 10 लाख दान
मंदिर के सामने भीख मांगने वाले साधु ने उसी मंदिर को 10 लाख रुपए दान कर दिए हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि वह रोज सुबह उठकर कृष्णा नदी में नहाता है और मंदिर जाकर माथा टेकता है. उसके बाद अपने भिखारी साथियों को खाना खिलाता है. भीख में मिलने वाले जो पैसे बच जाते उसे समय-समय पर वह मंदिर के प्रधान को दान कर देता है. ये भिखारी अब तक मंदिर को 9.54 लाख रुपए दान कर चुका है. विजयवाड़ा में रहने वाले रेड्डी इन दिनों लखनऊ और अयोध्या के दौरे पर है. इस भिखारी ने बताया की वह साई बाबा का भक्त है. अगर वह दान नहीं करेगा, तो यह पैसा किस काम का. मेरी कोशिश होती है कि अगर मंदिर में कोई निर्माण कार्य हो, तो मैं उसमें कुछ मदद करूं.