(www.arya-tv.com) ज्ञानवापी परिसर का सर्वे करने के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने कहा है कि वहां पहले एक हिंदू मंदिर था और मंदिर को तोड़कर ही मस्जिद का निर्माण किया गया है. आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया (ASI) ने 839 पेज की साइंटिफिक सर्वे रिपोर्ट तैयार की है. यह रिपोर्ट अदालत में पेश की गई और इसके बाद हिंदू और मुसलमान, दोनों पक्षों के साथ साझा की गई.
किसने तोड़ा मंदिर?
ASI रिपोर्ट के शुरुआती पन्नों में एक लूज पत्थर का जिक्र है. रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके रिकॉर्ड्स में भी इस पत्थर की बात दर्ज है. इस पत्थर पर लिखा गया था कि इस मस्जिद का निर्माण मुगल शासक औरंगजेब के काल में 1676 से 1677 के बीच हुआ. पत्थर पर यह भी खुदा था कि मस्जिद के साहन (आंगन) की मरम्मत 1792-1793 के बीच हुई.
एएसआई ने अपनी रिपोर्ट में इस पत्थर की फोटोग्राफ भी सौंपी है, जो साल 1965-66 में ली गई थी. रिपोर्ट में एक और चौंकाने वाला दावा है. ASI के मुताबिक ताजा सर्वे में उन्होंने पाया कि उस पत्थर से मस्जिद के निर्माण और इसके मरम्मत से जुड़ी तारीख जैसी चीजें जबरदस्ती खरोंच कर मिटा दी गईं. जबकि 1965-66 की तस्वीरों में सब साफ-साफ मौजूद है.
बोल रही है’ पश्चिमी दीवार
ASI ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ज्ञानवापी के अंदर सर्वे में पाया गया कि उसके अंदर वास्तु शिल्प, दीवारों पर सांचे, केंद्रीय कक्ष में कर्ण, रथ, पश्चिमी दीवार पर तोरण के साथ एक बड़ा प्रवेश द्वार, ललाट बिंब पर तस्वीर वाला एक छोटा प्रवेश द्वार और पक्षियों व जानवरों की नक्काशी की गई है. इससे पता चलता है कि मस्जिद की पश्चिमी दीवार साफ तौर पर किसी मंदिर का बचा हुआ हिस्सा है.
पुरातत्व विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद के ढांचे में कुल 34 शिलालेख और 32 स्टंपिंग पाए गए हैं, जो पहले मंदिर का हिस्सा थे और बाद में मस्जिद के निर्माण में इनका इस्तेमाल कर लिया गया. इन शिलालेखों पर देवनागरी, तेलुगू और कन्नड़ भाषाओं में लिखावट है.
तहखाने और वजूखाने का क्या?
ज्ञानवापी परिसर के अंदर दो जगहें ऐसी हैं, जिनको लेकर खासा विवाद होता रहा है और हिंदू पक्ष इनकी जांच की मांग करता रहा है. पहला है- तहखाना और दूसरा वजूखाना. हिंदू पक्ष का दावा है कि वजूखाने के अंदर शिवलिंग है, जबकि मुस्लिम पक्ष इसे फव्वारा बताता रहा है. ASI ने तहखानों का सर्वे तो किया, लेकिन वजूखाने का सर्वे नहीं किया है.
ज्ञानवापी के तहखाने में क्या मिला?
ASI की रिपोर्ट के मुताबिक मस्जिद के पूर्वी हिस्से में जो तहखाने बनाए गए हैं, उसे बनाने के लिए मंदिर के स्तंभों और कॉलम का इस्तेमाल किया गया है. N2 नाम के तहखाने में एक स्तंभ का इस्तेमाल हुआ है. जिस पर घंटियां, दीपक और ज्योति रखने की जगह बनी है और शिलालेख मौजूद हैं. इसी तरह S2 नाम के एक तहखाने में मिट्टी के नीचे दबी हुई हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां बरामद हुई हैं.
ASI ने कहां-कहां सर्वे किया?
आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) ने अपने साइंटिफिक सर्वे में ज्ञानवापी मस्जिद के मौजूदा ढांचे, इसके केंद्रीय कक्ष, मुख्य द्वार, पश्चिमी कक्ष, दीवार व इसके भित्ति स्तंभों और मस्जिद के अंदर मिले पत्थरों पर अरबी व फारसी शिलालेखों का सर्वे किया है.