आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तक लिंक एक्सप्रेसवे हेतु प्रवेश नियन्त्रित ग्रीन फील्ड लिंक एक्सप्रेसवे को इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेन्ट एवं कन्सट्रक्शन ईपीसी पद्धति पर 06 लेन को 08 लेन विस्तारणीय चौडाई में किया जाना प्रस्तावित है. आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे और पूर्वाचल एक्सप्रेसवे के लखनऊ-प्रयागराज एनएच-30 और लखनऊ-कानपुर एनएच-27 के आपस में जुड़ जाने से लखनऊ-आगरा-कानपुर-प्रयागराज-वाराणसी-गाजीपुर का आवागमन आसान हो सकेगा.
दरअसल, प्रदेश में निर्मित आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे/ गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पश्चिम से पूरब दिशा में प्रदेश के मध्य में संरेखित है. बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे एवं गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे उत्तर-दक्षिण दिशा में संरेखित हैं. इस प्रकार प्रदेश में एक्सप्रेसवे की एक ग्रिड अस्तित्व में आ रही है जो यातायात को प्रदेश के किसी भी कोने तक बाधा रहित, त्वरित पहुंच उपलब्ध करायेगी.
4777.58 करोड़ खर्च करेगी सरकार
बताय गया है कि एक्सप्रेसवे की लम्बाई 49.960 किलो मीटर है. ईपीसी पद्धति पर कराये जाने पर 4775.84 रुपये करोड़ की लागत से गठित प्रायोजना प्रस्ताव पर मंजूरी दी गई है. उक्त परियोजना के लिए प्रदेश सरकार 4775.84 करोड़ रुपये खर्च करेगी. परियोजना के निर्माण से लखनऊ-आगरा-कानपुर-प्रयागराज-वाराणसी-गाजीपुर का आवागमन आसान हो सकेगा.
सुविधाजनक होगा सफर
प्रदेश में निर्मित आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे/निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे/गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पश्चिम से पूरब दिशा में प्रदेश के मध्य में संरेखित है. बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे एवं गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे उत्तर-दक्षिण दिशा में संरेखित हैं. इस प्रकार प्रदेश में एक्सप्रेसवे की एक ग्रिड अस्तित्व में आ रही है जो यातायात को प्रदेश के किसी भी कोने तक बाधा रहित, त्वरित पहुंच उपलब्ध करायेगी. इस परियोजना के क्रियान्वयन से प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार से मिलेगा.
अब तक आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, लखनऊ-प्रयागराज हाईवे या कानपुर हाईवे तक जाने के लिए लखनऊ शहर से होकर जाना पड़ता था. इसके लिए अच्छे खासे जाम से जूझना पड़ता था लेकिन अब ये समस्या खत्म हो जाएगी.